फाइटर जेट नहीं, खूंखार शिकारी कहो... अमेरिका ने F-15 में किया नया कारनामा, ईरान की बढ़ेगी टेंशन?

    अमेरिकी वायुसेना का F-15E स्ट्राइक ईगल अब एक ऐसी ताकत बन गया है, जो ड्रोन और क्रूज मिसाइलों के खिलाफ युद्ध के नियम बदलने वाला है.

    fighter jet America new feat with F-15 Iran
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    मध्य पूर्व में बढ़ते खतरे और ईरान समर्थित प्रॉक्सी नेटवर्क के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमेरिका अब अपने हवाई युद्ध कौशल को नए स्तर पर ले जा रहा है. अमेरिकी वायुसेना का F-15E स्ट्राइक ईगल अब एक ऐसी ताकत बन गया है, जो ड्रोन और क्रूज मिसाइलों के खिलाफ युद्ध के नियम बदलने वाला है.

    हाल ही में इस फाइटर जेट को लेजर-गाइडेड APKWS II रॉकेट्स से लैस किया गया है, जिनकी तैनाती छह सुपर पॉड्स में की गई है. इसके साथ चार AIM-9X और चार AIM-120 मिसाइलें भी हैं. यह संयोजन अब इसे एक बार में 50 से अधिक हवाई टारगेट को खत्म करने में सक्षम बनाता है.

    अब सिर्फ जमीन नहीं, आसमान में भी करेगा सटीक हमला

    APKWS II रॉकेट्स को पहले ज़मीनी लक्ष्यों पर हमले के लिए तैयार किया गया था, लेकिन अब ये हवा में उड़ते ड्रोन और मिसाइलों को भी सटीकता से गिरा सकते हैं. इस अपडेट से F-15E अब एक किफायती और घातक हवाई हथियार प्रणाली में बदल गया है.

    F-15E की दो सदस्यीय टीम बनाती है इसे और भी असरदार

    F-15E में दो क्रू मेंबर्स होते हैं – एक पायलट और एक हथियार नियंत्रण अधिकारी. पायलट जेट को नियंत्रित करता है, जबकि दूसरा सदस्य टारगेट पर सटीक निशाना लगाता है. ये समन्वय युद्ध के समय जेट की क्षमताओं को और भी बढ़ा देता है.

    सिर्फ मिसाइल नहीं, अब रॉकेट भी बनेंगे हवा के शिकारी

    जहां AIM-120 मिसाइल की कीमत लगभग 10 लाख डॉलर तक पहुंचती है, वहीं एक APKWS II रॉकेट सिर्फ 15,000-20,000 डॉलर में वह सब कर सकता है. यही कारण है कि अमेरिकी वायुसेना अब इन्हें बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में लाने की योजना बना रही है.

    मिडिल ईस्ट में अमेरिका की सशक्त उपस्थिति

    CENTCOM की हालिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह जेट फिलहाल जॉर्डन के मुवाफ्फक साल्टी एयरबेस पर तैनात है. वहीं, डिएगो गार्सिया बेस पर भी अमेरिकी F-15 और बॉम्बर्स की तैनाती बढ़ाई जा रही है. इसका सीधा इशारा है कि अमेरिका मिडिल ईस्ट में अपने विरोधियों को कड़ा संदेश देना चाहता है.

    भविष्य में और भी घातक बनेंगे ये रॉकेट

    इन रॉकेट्स को बनाने वाली कंपनी BAE Systems भविष्य में इसमें इन्फ्रारेड सीकर जैसी तकनीक जोड़ने की तैयारी कर रही है, जिससे रॉकेट अपने लक्ष्य को खुद पहचानकर खत्म कर सकेंगे. जल्द ही इन्हें अमेरिकी नौसेना के Super Hornet जैसे जेट्स में भी तैनात किया जा सकता है.

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