झारखंड में यूपी के विकास दुबे जैसा एनकाउंटर, पुलिस की गाड़ी का एक्सीडेंट, अमन साहू भागा तो मारा गया

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का अंत मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में हो गया. रायपुर से रांची लाते समय पलामू जिले में हुए एक हादसे के बाद उसने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया.

Encounter like that of UPs Vikas Dubey in Jharkhand police vehicle met with an accident Aman Sahu was killed while running away
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

रांची: झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का अंत मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में हो गया. रायपुर से रांची लाते समय पलामू जिले में हुए एक हादसे के बाद उसने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया.

कैसे हुई पूरी घटना?

अमन साहू को रायपुर से झारखंड लाने के दौरान पुलिस वाहन पलामू के चैनपुर-रामगढ़ रोड पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस मौके का फायदा उठाकर उसने एक सिपाही की राइफल छीन ली और भागने की कोशिश की. पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन अमन ने फायरिंग कर दी. इसके बाद पुलिस की जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया.

मुठभेड़ में पुलिसकर्मी भी घायल

घटना के दौरान पुलिस का एक जवान भी घायल हुआ है, हालांकि उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है. पलामू की एसपी ऋष्मा रमेशन सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.

कई संगीन मामलों में था वांछित

अमन साहू कोयला कारोबारियों, ठेकेदारों और व्यापारियों से रंगदारी वसूलने के मामलों में शामिल था. हाल ही में बरियातू में कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा और हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या में उसकी संलिप्तता सामने आई थी. इसी सिलसिले में पुलिस उसे रायपुर से रांची ला रही थी.

इलाके में तनाव, सुरक्षा कड़ी

घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर सुरक्षा कड़ी कर दी है. चैनपुर और रामगढ़ थाने की पुलिस मौके पर तैनात है. यह इलाका घने जंगलों से घिरा है और नेटवर्क कनेक्टिविटी भी कमजोर है, जिससे शुरुआती जानकारी जुटाने में कठिनाई हुई.

गैंगस्टर से ‘नेता’ बनने की चाहत

सूत्रों के मुताबिक, अमन साहू झारखंड की राजनीति में प्रवेश करने की योजना बना रहा था. उसने बड़कागांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भी खरीदा था. हालांकि, झारखंड हाईकोर्ट ने उसके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी क्योंकि उस पर 120 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे.

पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था अमन साहू

अमन साहू झारखंड पुलिस के लिए लंबे समय से सिरदर्द बना हुआ था. उसके गुर्गे अपराध करने के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर खुलेआम अपनी करतूतों को उजागर करते थे. वह जेल में रहते हुए भी अपने गिरोह को सक्रिय रूप से संचालित कर रहा था.

रायपुर में भी चल रही थी जांच

छत्तीसगढ़ पुलिस भी अमन साहू के खिलाफ रंगदारी और गोलीबारी के मामलों की जांच कर रही थी. 13 जुलाई को रायपुर के एक कारोबारी की कार पर गोलीबारी में उसका नाम सामने आया था. उसके गिरोह का नाम लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी जोड़ा जा रहा था.

अपराध की दुनिया का अंत

अमन साहू की मौत के साथ झारखंड पुलिस को बड़ी राहत मिली है. वह एक ऐसा अपराधी था, जो लगातार पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था. उसकी मुठभेड़ को लेकर क्षेत्र में चर्चाएं तेज हैं और कानून व्यवस्था को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है.

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