एलन मस्क की महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष योजना को उस समय बड़ा झटका लगा जब उनकी कंपनी स्पेसएक्स का मेगा रॉकेट स्टारशिप एक और परीक्षण उड़ान के दौरान असफल हो गया. यह नौवां परीक्षण था, लेकिन एक बार फिर उड़ान के दौरान तकनीकी खामी के चलते रॉकेट का संतुलन बिगड़ गया और वह हिंद महासागर के ऊपर ही नष्ट हो गया.
उड़ान के शुरुआती चरण में दिखी सफलता, लेकिन फिर...
27 मई को टेक्सास के बोका चिका स्थित स्पेसएक्स की स्टारबेस सुविधा से लॉन्च हुए स्टारशिप रॉकेट ने उड़ान के शुरुआती चरण में उम्मीद जगाई. 33 इंजनों से लैस इस रॉकेट ने सफलतापूर्वक टेकऑफ किया और कक्षा में भी पहुंच गया. लेकिन पेलोड बे का दरवाजा पूरी तरह से न खुल पाने के कारण नकली स्टारलिंक उपग्रहों को रिलीज़ नहीं किया जा सका.
फ्यूल लीक बना बड़ी विफलता की वजह
स्पेसएक्स ने पुष्टि की कि उड़ान के लगभग 30 मिनट बाद रॉकेट में ईंधन टैंक से रिसाव शुरू हो गया. इससे रॉकेट का ऊपरी हिस्सा अनियंत्रित हो गया और धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले ही घूमने लगा. अंततः सुपर हेवी बूस्टर अपने अपेक्षित स्पलैशडाउन से पहले ही ब्लास्ट हो गया.
"अनिर्धारित विघटन" ने उड़ाई टीम की नींद
स्पेसएक्स ने इस पूरी घटना को “तेज अनिर्धारित विघटन” करार दिया. कंपनी ने X पर बयान जारी करते हुए कहा, “हम उड़ान से मिले डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं. इन परीक्षणों से मिली सीख हमें स्टारशिप को और अधिक भरोसेमंद बनाने में मदद करेगी.”
लगातार झेलनी पड़ रही असफलताएं
यह पहली बार नहीं है जब स्टारशिप को ऐसी विफलता झेलनी पड़ी हो. इससे पहले की दो उड़ानें कैरेबियन सागर के ऊपर ही फेल हो चुकी हैं. रॉकेट के मलबे के कारण हवाई यातायात को भी अपना मार्ग बदलना पड़ा था. अब इस ताजा विफलता ने स्पेसएक्स के बहुग्रहीय जीवन की महत्वाकांक्षा पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं.
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