Elon Musk: अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस (4 जुलाई 2025) पर टेक्नोलॉजी क्षेत्र के दिग्गज और अरबपति एलन मस्क ने एक ऐसा कदम उठाया, जिसने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है. मस्क ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक सर्वे के जरिए तीसरी राजनीतिक पार्टी की स्थापना को लेकर लोगों की राय मांगी. उन्होंने पूछा, "क्या हमें अमेरिका पार्टी बनानी चाहिए?"
यह सवाल यूं ही नहीं था. बल्कि इसके पीछे मस्क की रणनीतिक सोच और मौजूदा राजनीति से उनका असंतोष छिपा हुआ है. एक यूजर ने टिप्पणी की कि मस्क की यह पहल कुछ वैसी ही हो सकती है जैसे टेस्ला या स्पेसएक्स—जो शुरुआत में असंभव सी लगी, लेकिन सफल होने पर पूरी इंडस्ट्री का रुख बदल दिया. मस्क ने इस कमेंट पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वे केवल विचार साझा नहीं कर रहे, बल्कि कोई ठोस योजना भी बना सकते हैं.
क्यों खास है मस्क की यह पहल?
अमेरिका में पारंपरिक रूप से दो प्रमुख राजनीतिक दल—डेमोक्रेट और रिपब्लिकन—का वर्चस्व रहा है. तीसरी पार्टियां अब तक सीमित प्रभाव ही डाल पाई हैं. ऐसे में एलन मस्क का यह कदम इसलिए अलग माना जा रहा है क्योंकि उनके पास न सिर्फ एक मजबूत वैश्विक ब्रांड है, बल्कि टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री और स्वतंत्र विचारधारा रखने वाले वोटरों के बीच उनकी गहरी पकड़ है.
ट्रंप के कानून से बढ़ा टकराव
इस पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में डोनाल्ड ट्रंप का नया कानून "One Big Beautiful Bill" है. इस बिल में प्रवासियों के निर्वासन के लिए विशाल बजट का प्रावधान किया गया है, जिससे अगले दस वर्षों में अमेरिका के वित्तीय घाटे में करीब $3.3 ट्रिलियन की वृद्धि होने की आशंका है. एलन मस्क ने इस बिल को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए "आत्मघाती कदम" करार दिया. मस्क ने सरकार के गैरजरूरी खर्चों और अक्षमता पर सवाल उठाए और इसी विरोध के चलते उन्होंने Department of Government Efficiency (DOGE) के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया.
ट्रंप का पलटवार
मस्क की आलोचना के जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने न केवल मस्क की कंपनियों को मिलने वाली संघीय सब्सिडी खत्म करने की चेतावनी दी, बल्कि उनकी आव्रजन स्थिति की जांच तक की बात कही. इस बयान से साफ है कि ट्रंप और मस्क के बीच टकराव अब निजी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर पहुंच चुका है.
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