तिब्बत में 5.7 तीव्रता का भूकंप, तेज झटकों से फैली दहशत; घर छोड़कर भागे लोग

    भूकंप के झटके इतने तेज थे कि सोते हुए लोग हड़बड़ा कर घरों से बाहर निकल आए. तिब्बत में कुछ जगहों पर हलचल इतनी ज्यादा थी कि स्थानीय लोग काफी देर तक घर लौटने की हिम्मत नहीं कर पाए.

    Earthquake of 5.7 magnitude hits Tibet
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Pixabay

    तिब्बतः रविवार की आधी रात जब अधिकतर लोग गहरी नींद में थे, तभी तिब्बत में अचानक धरती कांप उठी. भारतीय समयानुसार रात 2:41 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र तिब्बत क्षेत्र में था और यह झटका मध्यम से ऊंची तीव्रता का था. हालांकि, राहत की बात ये है कि अब तक किसी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. भूकंप के बाद प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क हो गई हैं और इलाके पर लगातार नजर रखी जा रही है.

     कंपन से टूट गया रात का सन्नाटा

    बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके इतने तेज थे कि सोते हुए लोग हड़बड़ा कर घरों से बाहर निकल आए. तिब्बत में कुछ जगहों पर हलचल इतनी ज्यादा थी कि स्थानीय लोग काफी देर तक घर लौटने की हिम्मत नहीं कर पाए. एनसीएस का कहना है कि वो भूगर्भीय गतिविधियों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है.

    यूपी और बिहार तक पहुंची धरती की थरथराहट

    इस भूकंप का असर भारत के उत्तरी राज्यों तक भी पहुंचा. उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में भी लोगों ने झटकों को महसूस किया. कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस अनुभव को साझा करते हुए लिखा कि अचानक नींद खुल गई और फर्श हिलता हुआ महसूस हुआ.

    क्यों संवेदनशील है यह इलाका?

    भूवैज्ञानिकों के अनुसार, हिमालयी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है. टेक्टोनिक प्लेट्स की लगातार हलचलों की वजह से इस इलाके में समय-समय पर भूकंप की घटनाएं देखी जाती हैं. यही कारण है कि तिब्बत, नेपाल और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है.

    अलर्ट पर एजेंसियां

    एनसीएस और अन्य आपदा प्रबंधन इकाइयां स्थिति का आकलन कर रही हैं. किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन तैयार है और लोगों से अफवाहों से बचने की अपील की गई है.

    ये भी पढ़ेंः हमने पाक‍िस्‍तान को मदद नहीं दी.. सवालों के घेरे में आया चीन तो देने लगा सफाई