पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए सैन्य टकराव ने भारत को अपने रक्षा तंत्र को और अधिक मजबूत करने की दिशा में प्रेरित किया है. इस संघर्ष में भारत की ‘आकाश’ मिसाइल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दुश्मन के ड्रोन और शॉर्ट रेंज मिसाइलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया. अब देश की यही स्वदेशी मिसाइल प्रणाली एक नई तकनीकी क्रांति की ओर बढ़ रही है. DRDO अब आकाश मिसाइल की मारक क्षमता, रेंज और गति को और बेहतर बनाने के लिए इसे नेक्स्ट जनरेशन फ्यूल सिस्टम से लैस करने की तैयारी में है.
बगैर डिजाइन बदले होगी ताकत में बढ़ोतरी
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की कोशिश यह है कि मिसाइल की मौजूदा डिजाइन को बदले बगैर उसमें नई ऊर्जा भरी जा सके. इसके लिए वैज्ञानिक Alternative Propulsion Fuels (APF) पर काम कर रहे हैं, जो कम खर्च और समय में मिसाइल की परफॉर्मेंस को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं. इस तरह की तकनीक का मकसद यह है कि पूरी प्रणाली को दोबारा डिजाइन करने की ज़रूरत न पड़े, जिससे संसाधन और समय की बचत होगी, साथ ही ऑपरेशनल रेडीनेस भी बनी रहेगी.
Ramjet मोटर में होगा बड़ा बदलाव
आकाश मिसाइल की सबसे अहम तकनीक है इसका Ramjet Sustainer Motor (RSM), जो लॉन्च के बाद मिसाइल को निरंतर गति प्रदान करता है. DRDO अब इस RSM को नेक्स्ट-जेनरेशन फ्यूल्स से लैस करने पर जोर दे रहा है. इससे मिसाइल की थ्रस्ट, बर्न एफिशिएंसी, गति और रेंज में बढ़ोत्तरी होगी. सूत्रों का कहना है कि यह फ्यूल ऐसा होगा जिसे मौजूदा सिस्टम में सीधे शामिल किया जा सकेगा, जिससे तकनीकी संशोधन की ज़रूरत नहीं होगी. यह तकनीकी उन्नति एयर डिफेंस सिस्टम के क्षेत्र में भारत की स्थिति को और मज़बूती देगी.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा भरोसा
गौरतलब है कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में आकाश मिसाइल ने पाकिस्तान द्वारा भेजे गए कई ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों को सटीकता से निशाना बनाकर ध्वस्त किया था. इसके बाद से ही इसे और ज्यादा उन्नत बनाने पर फोकस किया जा रहा है. DRDO की यह पहल न केवल आकाश की क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि भारत के पास लंबी दूरी तक एयर थ्रेट इंटरसेप्ट करने की क्षमता मौजूद हो.
भारत का मल्टी-लेयर एयर डिफेंस नेटवर्क होगा और मज़बूत
आकाश मिसाइल पहले से ही भारत के मल्टी-लेवल एयर डिफेंस नेटवर्क का एक अहम हिस्सा है, जिसमें MR-SAM, QRSAM और BMD सिस्टम जैसे एडवांस सिस्टम शामिल हैं. अब इस अपग्रेड के बाद भारत की हवाई रक्षा रणनीति को एक नया स्तर मिलेगा.
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