मस्क से तकरार, रूस से जुड़े हैं तार, कौन हैं सर्जियो गोर? जिन्हें ट्रंप ने भारत में बनाया अमेरिका का राजदूत

    अमेरिकी राजनीति के गलियारों में सर्जियो गोर का नाम लंबे समय से चर्चा में रहा है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को संभालने वाले गोर अब भारत में अमेरिका के नए राजदूत के रूप में तैनात होने जा रहे हैं.

    Donald Trump appoints Gore as new US Ambassador to India amid Russia and Elon Musk ties
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    अमेरिकी राजनीति के गलियारों में सर्जियो गोर का नाम लंबे समय से चर्चा में रहा है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को संभालने वाले गोर अब भारत में अमेरिका के नए राजदूत के रूप में तैनात होने जा रहे हैं. साथ ही, उन्हें दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत की भूमिका भी सौंपी गई है. इस नियुक्ति से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में नया रंग भरने की उम्मीद की जा रही है. इस लेख में जानेंगे सर्जियो गोर कौन हैं, उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि, विवादों की कहानी और भारत के लिए उनकी महत्वाकांक्षाएं.

    ट्रंप का भरोसा और नई जिम्मेदारी

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए घोषणा की कि वे सर्जियो गोर को भारत का अगला अमेरिकी राजदूत और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत नियुक्त कर रहे हैं. ट्रंप ने गोर को अपना करीबी और भरोसेमंद सहयोगी बताते हुए कहा कि गोर ने उनके चुनाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और प्रशासन में अमेरिका फर्स्ट एजेंडा को मजबूत किया है. गोर ने भी ट्रंप के इस विश्वास के प्रति आभार जताया और कहा कि किसी देश में अमेरिका का नेतृत्व करना उनके लिए सम्मान की बात है.

    सर्जियो गोर का शुरुआती जीवन और शिक्षा

    सर्जियो गोर का जन्म 1986 में सोवियत संघ के एक हिस्से में हुआ था, जिसे उज्बेकिस्तान के नाम से जाना जाता है. उनके परिवार ने कुछ समय माल्टा में बिताया, जहां से 1999 में वे अमेरिका आ गए. गोर ने लॉस एंजिल्स के उपनगरीय इलाके में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और बाद में वाशिंगटन डीसी में जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. कॉलेज में उन्होंने अपना नाम ‘गोरोक्होव्स्की’ से छोटा कर ‘गोर’ कर लिया. अमेरिकी राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने यहां अपनी शिक्षा पूरी की.

    राजनीतिक करियर की शुरुआत और ट्रंप से जुड़ाव

    गोर का राजनीतिक सफर 2008 में शुरू हुआ, जब वे अमेरिकी सीनेटर जॉन मैककेन के राष्ट्रपति अभियान के सक्रिय सदस्य बने. मैककेन और बराक ओबामा के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा था, जिसमें गोर ने मैककेन के साथ काम किया. इसके बाद उन्होंने केंटकी के सीनेटर रैंड पॉल के लिए भी काम किया. जून 2020 में गोर ने सीनेटर पॉल से अपने पद से इस्तीफा दे दिया और तुरंत ही ट्रंप विक्ट्री फाइनेंस कमेटी के चीफ स्टाफ के रूप में शामिल हो गए. इसके बाद उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के सलाहकार और पुस्तक प्रकाशन प्रबंधक के रूप में भी कार्य किया.

    नवंबर 2024 में गोर को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय का निदेशक नियुक्त किया गया. इस पद पर उन्होंने ट्रंप प्रशासन के लिए 4,000 से अधिक ‘अमेरिका फर्स्ट’ समर्थकों की नियुक्ति को सफलतापूर्वक पूरा किया. उनकी कुशलता और ट्रंप के प्रति वफादारी को देखते हुए ही उन्हें भारत का राजदूत नियुक्त किया गया.

    मस्क के साथ विवाद और सुरक्षात्मक जांच

    सर्जियो गोर का नाम तब और अधिक सुर्खियों में आया जब टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच विवाद बढ़ा. मस्क ने गोर को ‘सांप’ कह दिया था, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना. यह विवाद गोर की सुरक्षा मंजूरी (सिक्योरिटी क्लीयरेंस) को लेकर भी उठा, जिसमें आरोप लगे कि गोर ने जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं किए हैं. हालांकि व्हाइट हाउस ने इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया और कहा कि गोर की सुरक्षा मंजूरी पूरी तरह वैध है.

    जन्मस्थान और राष्ट्रीयता को लेकर उठते सवाल

    सर्जियो गोर की पृष्ठभूमि को लेकर कई विवाद और अटकलें लगाई गई हैं. कई रिपोर्टों में उनका जन्मस्थान उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान या ताजिकिस्तान बताया गया है. उनके परिवार की माल्टीज और इजरायली राष्ट्रीयता को लेकर भी विभिन्न जानकारियां सामने आई हैं. गोर ने अपने जन्मस्थान को लेकर ज्यादा खुलासा नहीं किया, लेकिन स्पष्ट किया है कि उनका जन्म रूस में नहीं हुआ है. इस संदर्भ में उनकी मां द्वारा 1994 में बनाई गई माल्टीज कंपनी की भी चर्चा होती है.

    रूस से जुड़े रहस्य और मास्को यात्राएं

    सर्जियो गोर के रूस से संबंध भी राजनीतिक चर्चा का हिस्सा रहे हैं. 2018 में उन्होंने सीनेटर रैंड पॉल के साथ मास्को की यात्रा की थी, जिसे रूस-अमेरिका संबंधों के शोध और बातचीत के लिए बताया गया. लीक हुए एक दस्तावेज़ में यह भी सामने आया कि गोर ने 2017 में भी मास्को यात्रा की थी, जिसके पीछे का कारण अस्पष्ट है. इस यात्रा को लेकर मीडिया और सुरक्षा एजेंसियों में कई तरह के सवाल उठे हैं.

    भारत में नए राजदूत के तौर पर उम्मीदें और चुनौतियां

    भारत में अमेरिकी राजदूत के तौर पर सर्जियो गोर की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है. दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूती देने की जिम्मेदारी गोर के कंधों पर होगी. दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत के रूप में भी उन्हें क्षेत्रीय तनावों और सहयोग के मुद्दों को संभालना होगा. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रिश्तों को ध्यान में रखते हुए, गोर से उम्मीद है कि वे इन संबंधों को और गहरा करेंगे.

    ट्रंप का सर्जियो गोर पर भरोसा और भविष्य की राह

    डोनाल्ड ट्रंप ने गोर को न केवल एक कर्मचारी बल्कि अपने सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक बताया है. ट्रंप ने कहा है कि गोर ने उनके चुनाव अभियानों में और प्रशासन में बेहतरीन काम किया है. गोर ने भी ट्रंप के समर्थन वाले प्रमुख सुपर पैक को चलाकर अमेरिका फर्स्ट एजेंडा को मजबूती दी है. भारत के लिए उनकी नई जिम्मेदारी में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस तरह से दोनों देशों के बीच नई कूटनीतिक सफलता दिलाते हैं.

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