रूस-यूक्रेन यु्द्ध रोकना मुश्किल! पुतिन के करीबी ने ट्रंप को दिया स्पष्ट संदेश, कहा- औपचारिकता के लिए समय बर्बाद...

    Russia US Ukraine Conflict: यूक्रेन संकट को लेकर रूस और अमेरिका के बीच शांति की राह अभी भी धुंधली ही नजर आ रही है. हाल ही में रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बिना पूरी तैयारी के किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं होते.

    Difficult to stop Russia-Ukraine war Putin close friend gave a clear message to Trump
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    Russia US Ukraine Conflict: यूक्रेन संकट को लेकर रूस और अमेरिका के बीच शांति की राह अभी भी धुंधली ही नजर आ रही है. हाल ही में रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बिना पूरी तैयारी के किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं होते. पेस्कोव ने कहा, “पुतिन केवल औपचारिकता के लिए समय बर्बाद नहीं करते. विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो को मीटिंग की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं. प्रक्रिया जटिल है.”

    यह बयान उस समय आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि रूस-अमेरिका बैठक “समय की बर्बादी” होगी. पेस्कोव के अनुसार, यह कहना गलत है कि पुतिन-ट्रंप मीटिंग कैंसिल हो गई, क्योंकि कोई निश्चित तारीख तय ही नहीं की गई थी.

    पुतिन की स्थिति स्पष्ट है कि वे अपनी शर्तों से नहीं हटेंगे. रूस चाहता है कि यूक्रेन की डी-मिलिटराइजेशन हो, डोनबास पर नियंत्रण बना रहे और NATO का विस्तार रूसी सुरक्षा के लिए खतरा नहीं बने.

    अलास्का से बुडापेस्ट तक की कोशिशें

    अमेरिका-रूस शांति प्रयासों की शुरुआत अगस्त में अलास्का के एंकरेज से हुई थी. वहां ट्रंप और पुतिन ने युद्ध खत्म करने की संभावनाओं पर चर्चा की. ट्रंप ने दावा किया कि वे 24 घंटे में युद्ध समाप्त कर सकते हैं, जबकि पुतिन ने शांति की बात कही लेकिन शर्तें रखीं. अक्टूबर में बुडापेस्ट में दूसरी मीटिंग की घोषणा हुई, लेकिन ट्रंप ने बाद में कहा कि यह मीटिंग “समय की बर्बादी” होगी यदि कोई प्रगति नहीं होती. व्हाइट हाउस ने तत्काल कोई योजना न होने की बात कही, और रूस ने इसे फर्जी खबर करार दिया.

    अनफ्रेंडली कदम और रिश्तों की नाज़ुकियां

    ट्रंप की नाराजगी का असर रूस पर भी पड़ा. उन्होंने रूस की प्रमुख तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया. पेस्कोव ने इसे “अनफ्रेंडली कदम” बताया और कहा कि यह दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके बावजूद, रूस ने यह स्पष्ट किया कि वे शांति की कोशिशें जारी रखेंगे, लेकिन तब तक कोई सीजफायर संभव नहीं है जब तक मूल समस्याओं का समाधान न हो.

    इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि रूस-अमेरिका के बीच शांति की राह अभी भी जटिल और शर्तों से भरी हुई है. उम्मीदें हैं, लेकिन वास्तविकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

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