नई दिल्लीः अगर आप भी हेलमेट को सिर्फ ट्रैफिक पुलिस से बचने का एक जरिया मानते हैं, तो अब आपको अपनी सोच बदलने की जरूरत है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अब सड़क सुरक्षा को लेकर सख्ती और समझदारी—दोनों का अनोखा मेल पेश किया है. अब जब आप बिना हेलमेट के पकड़े जाएंगे, तो सिर्फ चालान नहीं कटेगा… आपको एक नया हेलमेट भी मुफ्त में मिलेगा, और साथ में समझाइश कि अगली बार इसे पहनना न भूलें—क्योंकि ये आपकी जान बचा सकता है.
आंकड़े हैं चौकाने वाले, सुधार की जरूरत साफ
ट्रैफिक पुलिस का नया तरीका – डांट नहीं, समझदारी
इस अभियान की अगुवाई एडिशनल कमिश्नर (ट्रैफिक) सत्यवीर कटारा और डीसीपी (ट्रैफिक) शशांक जायसवाल कर रहे हैं. पुलिस ने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत जुटाए गए फंड से 1,000 हेलमेट खरीदे हैं, जिन्हें चालान के साथ वितरित किया जाएगा.
कटारा का कहना है, "लोग हेलमेट पहन तो लेते हैं, लेकिन स्ट्रैप नहीं लगाते. ये भी उतना ही खतरनाक है जितना बिना हेलमेट चलाना." उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग केवल ट्रैफिक पुलिस को देखकर हेलमेट पहनते हैं, लेकिन सुरक्षा की असली भावना उनमें नहीं होती. यह पहल इसी सोच को बदलने के लिए है.
जायसवाल ने बताया, "सिर्फ सख्ती से काम नहीं चलेगा. अब हमें लोगों को समझाना होगा कि हेलमेट उनके जीवन के लिए कितना जरूरी है. जब हम मौके पर ही हेलमेट देंगे, तो शायद वे इसे गंभीरता से लें."
क्यों जरूरी है ये अभियान?
सिर्फ 2024 में ही दिल्ली में 611 दोपहिया चालकों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है और 2,233 लोग घायल हुए हैं. यह संख्या बताती है कि सुरक्षा उपकरणों, खासतौर पर हेलमेट की अहमियत को नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है.
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