दिल्ली में 1 जुलाई से इन वाहनों के चलाने पर लगी रोक, पेट्रोल खरीदना भी हो जाएगा मुश्किल

    राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार एक अहम कदम उठाने जा रही है. 1 जुलाई 2024 से राजधानी में पुरानी और तय उम्र पार कर चुकी गाड़ियों को पेट्रोल नहीं मिलेगा.

    Delhi Old Vehicles no fuel policy can not buy from petrol pump
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    राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार एक अहम कदम उठाने जा रही है. 1 जुलाई 2024 से राजधानी में पुरानी और तय उम्र पार कर चुकी गाड़ियों को पेट्रोल नहीं मिलेगा. यानी ऐसे वाहन, जिन्हें अब End-of-Life (EOL) श्रेणी में रखा गया है, उन्हें ईंधन स्टेशन से पेट्रोल या डीज़ल नहीं दिया जाएगा. यह निर्णय राजधानी में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

    क्या है EOL गाड़ी और इसका क्या होगा?

    जो वाहन अपनी अधिकतम तय उम्र पूरी कर चुके हैं. जैसे 15 साल से पुरानी पेट्रोल और 10 साल से पुरानी डीज़ल गाड़ियां—उन्हें अब EOL (End of Life) माना जाएगा. ऐसे वाहनों को अब जब्त किया जाएगा और स्क्रैपिंग प्रक्रिया के तहत धातु और पुर्जों में बदल दिया जाएगा. स्क्रैप किए गए वाहन के पार्ट्स को दोबारा उपयोग में लाया जाएगा.

    सख्त निगरानी के लिए 100 टीमें और हाईटेक सिस्टम तैनात

    दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने मिलकर सड़कों पर 100 विशेष निगरानी टीमें तैनात की हैं. इसके अलावा दिल्ली के सभी 520 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) तकनीक स्थापित की गई है, जो पुराने वाहनों की पहचान करेगी. वाहन की जानकारी ‘VAHAN’ डेटाबेस से मिलान की जाएगी.

    62 लाख गाड़ियां हो चुकी हैं EOL

    CAQM के अनुसार, दिल्ली में फिलहाल 62 लाख से अधिक EOL गाड़ियां हैं, जिनमें से 41 लाख दोपहिया वाहन हैं. 2024 में अब तक 39,273 ऐसी गाड़ियां जब्त की जा चुकी हैं. इसके अलावा, 3.6 करोड़ गाड़ियों की जांच के दौरान 4.9 लाख वाहन EOL की श्रेणी में पाए गए हैं.

    PUC नहीं है? तो सावधान!

    जिन गाड़ियों का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट वैध नहीं है, उन्हें भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. 29.5 लाख गाड़ियों को PUC नवीनीकरण के लिए नोटिस भेजे गए हैं.

    अन्य शहरों में भी होगा नियम लागू

    CAQM के अनुसार, दिल्ली के बाद यह नियम 1 नवंबर 2024 से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत में भी लागू किया जाएगा. 1 अप्रैल 2026 से NCR के सभी जिलों में इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा. पुराने वाहनों से होने वाला PM (Particulate Matter) उत्सर्जन BS VI गाड़ियों की तुलना में 4.5 गुना अधिक होता है, जो हवा को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचाता है.

    बस टर्मिनलों और अन्य राज्यों की गाड़ियों पर भी नजर

    जैसे-जैसे नियम लागू हो रहे हैं, सरकार अंतरराज्यीय बसों (ISBT जैसे कश्मीरी गेट और आनंद विहार) पर भी नजर रख रही है. अधिकारियों के अनुसार, इन बसों पर कार्रवाई के लिए जल्द ही विशेष प्लान तैयार किया जाएगा ताकि नियमों को सख्ती से लागू किया जा सके.

    नया कदम, स्वच्छ हवा की दिशा में

    दिल्ली सरकार का यह निर्णय ना केवल राजधानी की हवा को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, बल्कि NCR के अन्य शहरों में भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक मिसाल कायम करेगा. जितनी जल्दी पुरानी गाड़ियां सड़कों से हटेंगी, उतनी ही जल्दी दिल्ली की हवा सांस लेने लायक बन सकेगी.

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