रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेताया है. आतंकवाद को पालने-पोसने वालों को अब इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी – यही संदेश उन्होंने अपने हालिया संबोधन में साफ तौर पर दिया. उन्होंने कहा कि आज भारत सिर्फ सीमाओं की रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है.
“पीओके हमारा है, और रहेगा”
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर भावनात्मक अंदाज़ में कहा कि वहां के लोग भारत के अपने हैं, जिन्हें बस बहकाया गया है. पीओके भारत का अभिन्न अंग है और एक दिन खुद पीओके कहेगा – मैं भारत हूं, मैं भारत ही हूं. उन्होंने इसे सिर्फ भौगोलिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और राष्ट्रीय जुड़ाव का विषय बताया.
महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह का उदाहरण देकर भावनात्मक जोड़
अपने संबोधन में रक्षामंत्री ने इतिहास से एक उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह महाराणा प्रताप ने अपने भाई शक्ति सिंह को कभी पराया नहीं माना, वैसे ही भारत पीओके को भी कभी अलग नहीं मानता. पीओके कुछ समय के लिए हमसे बिछड़ा है, लेकिन अंततः वह अपने भाई के पास ही लौटेगा.
अब बात सिर्फ पीओके और आतंकवाद पर होगी
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब आतंकवाद के मसले पर कोई नरमी नहीं बरतेगा. पाकिस्तान को अब समझ में आ गया है कि आतंकवाद को बढ़ावा देना उसके लिए फायदे का सौदा नहीं है. अब जब भी बात होगी, पीओके की होगी और आतंकवाद पर होगी.
'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संकल्प की ओर कदम
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आज अधिक सुरक्षित, शक्तिशाली और एकजुट है. उन्होंने भरोसा जताया कि एक दिन पीओके के लोग खुद भारत की मुख्यधारा से जुड़ने की इच्छा जताएंगे. मैं भारत हूं... मैं भारत ही हूं... मैं लौट आया हूं – ये आवाज एक दिन पीओके की धरती से गूंजेगी.
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