DU क्लासरूम में ‘गोबर विवाद’ ने पकड़ा तूल, शुरू हो गया विरोध प्रदर्शन; अब DUSU अध्यक्ष ने लिया 'बदला'

    दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज में एक अजीबोगरीब ‘प्रोजेक्ट एक्सपेरिमेंट’ अब ज़बरदस्त विवाद का कारण बन चुका है.

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    वीडियो ग्रैब | Photo: Social Media

    दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज में एक अजीबोगरीब ‘प्रोजेक्ट एक्सपेरिमेंट’ अब ज़बरदस्त विवाद का कारण बन चुका है. कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा क्लासरूम की दीवारों पर गोबर लगाने की पहल के विरोध में मंगलवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) के अध्यक्ष रौनक खत्री ने कॉलेज पहुंचकर प्रिंसिपल ऑफिस की दीवारों पर गोबर पोत दिया. इस दौरान कई छात्रों ने उनका साथ दिया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी भी की.

    कैसे भड़का विवाद?

    मामले की शुरुआत सोमवार को हुई, जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल प्रत्युषा वत्सला क्लासरूम की दीवारों पर खुद गोबर लगाती नजर आईं. बताया गया कि यह एक शैक्षणिक प्रोजेक्ट का हिस्सा था, लेकिन स्टूडेंट्स ने इस ‘प्रयोग’ को अव्यवहारिक और अस्वास्थ्यकर बताते हुए न सिर्फ विरोध किया, बल्कि कॉलेज प्रशासन पर छात्रों को बिना सूचना के ऐसे वातावरण में पढ़ने को मजबूर करने का आरोप भी लगाया.

    प्रिंसिपल ऑफिस में पहुंचा विरोध

    विरोध प्रदर्शन के क्रम में मंगलवार को DUSU अध्यक्ष रौनक खत्री कॉलेज पहुंचे. उन्होंने गोबर से भरी थैली लेकर प्रिंसिपल ऑफिस की दीवारों पर भी गोबर पोत दिया, यह कहते हुए कि "अगर क्लासरूम में यह एक्सपेरिमेंट किया जा सकता है, तो प्रिंसिपल ऑफिस भी इसका हिस्सा क्यों न हो?"

    इस दौरान वाइस प्रिंसिपल डॉ. लता शर्मा ने रौनक को रोकने की कोशिश की और कहा कि प्रिंसिपल उस वक्त ऑफिस में मौजूद नहीं थीं, लेकिन रौनक खत्री ने कहा, “जब क्लासरूम में गोबर लगाया गया तो वहां स्टूडेंट्स भी मौजूद नहीं थे. तो अब हम भी प्रतीकात्मक विरोध करेंगे.”

    वायरल वीडियो और प्रतिक्रियाएं

    इस घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया है. वीडियो में स्टूडेंट्स दस्ताने पहनकर ऑफिस की दीवारों पर गोबर लगाते नजर आ रहे हैं, कुछ ने तो बाथरूम में भी गोबर फेंका. रौनक खत्री का कहना है कि यह विरोध एक प्रतीकात्मक संदेश है कि जो प्रयोग क्लासरूम में छात्रों के बिना अनुमति किया गया, वह कॉलेज प्रशासन पर भी लागू होना चाहिए.

    कॉलेज प्रशासन और शिक्षकों की चुप्पी

    प्रिंसिपल प्रत्युषा वत्सला की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, हालांकि सोमवार को वायरल हुए वीडियो को उन्होंने ही टीचर्स के ग्रुप में साझा किया था. शिक्षकों के बीच भी इस ‘प्रयोग’ को लेकर मतभेद हैं, कई ने इसे स्वच्छता और स्वास्थ्य मानकों के खिलाफ बताया है.

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