'कांग्रेस ने लोकतंत्र को गिरफ्तार कर लिया था', आपातकाल के 50 साल पर क्या बोले पीएम मोदी?

    भारतीय राजनीति के सबसे विवादास्पद अध्यायों में से एक — आपातकाल — की 50वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में चिन्हित किया.

    Congress had arrested democracy PM Modi on 50 years of Emergency
    पीएम मोदी | Photo: ANI

    भारतीय राजनीति के सबसे विवादास्पद अध्यायों में से एक — आपातकाल — की 50वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में चिन्हित किया. 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और इस दिन को लोकतंत्र के खिलाफ "काले अध्याय" के रूप में याद किया.

    पीएम मोदी बोले – यह दिन लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रतीक है

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक वक्तव्य में लिखा कि आपातकाल के दौरान भारत के मौलिक अधिकारों को निलंबित, प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला गया, और हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया. उन्होंने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे संविधान की आत्मा और लोकतंत्र की भावना को सत्ता की लालसा ने कुचलने की कोशिश की.

    पीएम मोदी ने कहा, “कोई भी भारतीय यह नहीं भूल सकता कि किस तरह उस समय संसद को चुप करा दिया गया, न्यायपालिका पर दबाव बनाया गया और 42वां संशोधन संविधान के मूल ढांचे को तोड़ने का एक बड़ा उदाहरण बना.” उन्होंने उन तमाम लोगों को सलाम किया जिन्होंने उस दौर में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया और अंततः कांग्रेस सरकार को चुनाव कराने के लिए मजबूर किया.

    गृहमंत्री अमित शाह का तीखा प्रहार – 'तानाशाही के विरुद्ध जनसंग्राम'

    गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आपातकाल कांग्रेस की लोकतंत्र-विरोधी मानसिकता और सत्ता की भूख का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि यह कोई आवश्यक कदम नहीं था, बल्कि एक व्यक्ति विशेष के निजी हितों को बचाने के लिए लिया गया फैसला था.

    शाह ने कहा, “प्रेस की आज़ादी को कुचला गया, न्यायपालिका को बेबस बना दिया गया और आवाज़ उठाने वालों को जेल में ठूंसा गया. लेकिन जनता ने यह दिखा दिया कि जब तानाशाही हद पार कर जाती है, तो लोकतंत्र के प्रहरी उसे उखाड़ फेंकते हैं.” उन्होंने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वाले सभी वीरों को श्रद्धांजलि दी.

    जेपी नड्डा: 'कांग्रेस की मानसिकता अब भी नहीं बदली'

    भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आपातकाल को केवल एक ऐतिहासिक भूल नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर सोची-समझी चोट करार दिया. उन्होंने कहा कि पचास साल बाद भी कांग्रेस की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया है, और आज भी वह वैसा ही व्यवहार कर रही है जैसा उसने 1975 में किया था.

    रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी साधा निशाना

    रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि 1975 का आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे काला दौर था. उन्होंने कहा, “विपक्षी नेताओं को जेल में डालना, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करना – ये उस समय के प्रशासनिक रवैये को दर्शाता है. लेकिन भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को मिटाने की कोशिश नाकाम रही.”

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