जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को एक बार फिर चुनौती के कटघरे में खड़ा कर दिया है. इस हमले में 26 लोगों की जान गई, और जांच एजेंसियों का मानना है कि इसका संबंध सीमा पार से सक्रिय आतंकी नेटवर्क से है. हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में आई तल्खी अब धीरे-धीरे सुरक्षा रणनीतियों में भी परिलक्षित हो रही है. इसी कड़ी में भारत ने पंजाब के फिरोजपुर में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र में 4 मई 2025 को रात 9 बजे से 9:30 बजे तक ब्लैकआउट अभ्यास आयोजित किया.
ब्लैकआउट अभ्यास से छाया अंधेरा
इस अभ्यास को संभावित युद्ध परिस्थितियों में नागरिक और सैन्य तंत्र के बीच समन्वय सुनिश्चित करने की एक महत्वपूर्ण कवायद के रूप में देखा जा रहा है. अभ्यास के दौरान पूरे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद रही, और इनवर्टर व जनरेटर के उपयोग पर भी अस्थायी रोक लगाई गई थी. कैंट एरिया के अधिकारियों ने इस संदर्भ में स्थानीय प्रशासन को औपचारिक रूप से सूचित किया, और आम लोगों से सहयोग की अपील की. लाउडस्पीकर के माध्यम से सूचना प्रसारित कर लोगों को सतर्क किया गया कि इस अवधि में कोई भी बाहरी प्रकाश स्रोत सक्रिय न रहे.
क्यों हुई ये मॉक ड्रिल?
हालांकि पाकिस्तान के खिलाफ किसी सैन्य अभियान को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सीमा पर बढ़ती गतिविधियां और इस प्रकार के अभ्यास यह संकेत जरूर दे रहे हैं कि भारत किसी भी परिस्थिति के लिए खुद को तैयार कर रहा है. बता दें कि फिरोजपुर पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है. यह क्षेत्र हमेशा से बेहद संवेदनशील रहा है.
भारत के एक्शन से पाक बौखलाया
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में आयोजित की गई है जब राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा समीक्षा की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, तीनों सेना प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ मिलकर वर्तमान स्थिति की समीक्षा की. वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान भारत के एक्शन से घबराया हुआ है. पाकिस्तान को भारत की ओर से किसी भी संभावित सैन्य कार्रवाई का डर दिनो रात सता रहा है.