UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ के लोक भवन से 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की औपचारिक शुरुआत की. इस अभियान का मकसद गांव-गांव जाकर किसानों को वैज्ञानिक खेती से जोड़ना है. यह विशेष अभियान 29 मई से 12 जून तक देशभर में चलाया जाएगा. इस दौरान 12 हजार वैज्ञानिक किसानों के खेतों तक जाएंगे. बता दें कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि कृषि वैज्ञानिक, उद्यान विशेषज्ञ और पशुपालन अधिकारी सीधे किसानों के गांवों में जाकर उनसे जुड़ेंगे. सीएम योगी ने बताया कि यह पहल चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर शुरू की जा रही है, जो किसान हितों को समर्पित रहे.
"खेती के क्षेत्र में किए कई नवाचार"
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि, "यूपी की आठ साल की सरकार ने खेती के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं. यूपी 10 फीसदी कृषि भूमि में देश के लिए 22 फीसदी उत्पादन करता है लेकिन पिछली सरकारों ने किसानों को अपने एजेंडे से बाहर कर दिया. बीज, खाद और पानी के लिए किसान परेशान रहे. अब बदलाव हो रहा है. प्रधानमंत्री के एजेंडे में किसान हैं इसलिए मृदा हेल्थ कार्ड बन रहा है. किसान समृद्धि योजना का लाभ मिल रहा है. गेहूं का दाम 2015 तक एक हजार मिलता था अब 2400 से 2800 तक मिल रहा है. ये किसान के जीवन में बदलाव का उदाहरण है. किसानों को 2.50 हजार करोड़ का पानी मुफ्त में दिया जा रहा है."
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा जताया कि पिछले 11 वर्षों में कृषि क्षेत्र में जो नवाचार हुए हैं — जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था, उन्नत बीजों की उपलब्धता — अब उनका सीधा लाभ किसानों तक पहुंचेगा.
"225 टीमें करेंगी सीधा संवाद"
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप सिंह शाही ने कहा कि चौधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि पर यह अभियान शुरू हो रहा है. वह निरंतर किसानों की उन्नति के लिए तत्पर रहे. अभियान के दौरान माइक्रो सिंचाई की तकनीक दी जाएगी. सभी विभाग मिलकर 15 दिन तक कार्य करेंगे. हर दिन किसानों से संवाद होगा. यूपी के सभी 75 जिलों में वैज्ञानिको की 225 टीमें सीधा संवाद करेंगी. लाइव प्रसारण भी किया जाएगा. किसानों को आधुनिक खेती और प्राकृतिक खेती के तरीके समझाए जाएंगे. नवाचार करने वालों किसानों की कहानी अन्य किसानों को बताई जाएगी. कृषि मंत्री ने बताया कि अत्यधिक रासायनिक उर्वरको के प्रयोग को कम करने तथा प्राकृतिक खेती की जानकारी दी जाएगी यूपी में 30% खाद्यान्न उत्पादन में हुई वृद्धि. 30 लाख मीट्रिक टन खाद्यान उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.
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