सीएम योगी ने सुनी छोटी बच्ची की समस्या, मुरादाबाद के सबसे महंगे स्कूल में करा दिया एडमिशन; जानिए कितनी है फीस

    लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में एक छोटी सी बच्ची ‘वाची’ ने जब अपनी मासूम सी बात रखी, तो वहां मौजूद हर कोई भावुक हो गया.

    CM Yogi heard problem of little girl admitted in Moradabad expensive school
    सीएम योगी

    लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में एक छोटी सी बच्ची ‘वाची’ ने जब अपनी मासूम सी बात रखी, तो वहां मौजूद हर कोई भावुक हो गया. वाची की शिकायत थी कि मुरादाबाद के एक नामी और महंगे स्कूल में उसका नाम लिस्ट में आने के बावजूद एडमिशन नहीं हुआ. बच्ची की बात सुनते ही सीएम योगी ने तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया — और नतीजा ये रहा कि आज वाची उसी स्कूल में पढ़ने जा रही है, वो भी बिना किसी फीस के.

    सीएम के आदेश से खुला शिक्षा का द्वार

    मुख्यमंत्री के निर्देश पर वाची का एडमिशन सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल, मुरादाबाद में RTE (Right to Education) के तहत कर दिया गया. अब अगले 8 साल तक वह बिना एक भी पैसा दिए इस प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ाई कर सकेगी.

    सीएम योगी के फैसले से खुश होकर वाची ने मीडिया से कहा, “मैंने उनसे कहा था कि मुझे स्कूल में दाखिला चाहिए. अब मुझे मिल गया है. मैं उनका बहुत धन्यवाद करती हूं.”

    कितना महंगा है ये स्कूल? 

    सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल मुरादाबाद के सबसे बेहतरीन और महंगे स्कूलों में गिना जाता है. यहां की सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा है, लेकिन उतनी ही ऊंची है इसकी फीस भी. 

    • नर्सरी क्लास की सालाना फीस: लगभग ₹2 लाख से ₹2.5 लाख तक

    एडमिशन प्रक्रिया:

    • सबसे पहले एडमिशन फॉर्म भरना होता है
    • दस्तावेजों में जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, पिछली कक्षा की मार्कशीट आदि देना होता है
    • नर्सरी और केजी के लिए इंटरएक्टिव सेशन होता है
    • कक्षा 1 और ऊपर के छात्रों के लिए एडमिशन टेस्ट/मूल्यांकन किया जाता है
    • चयनित छात्रों की सूची जारी की जाती है, जिसके बाद तय समय में फीस जमा करनी होती है
    • यहां नया सत्र अप्रैल में शुरू होता है और एडमिशन प्रक्रिया नवंबर से फरवरी के बीच चलती है.

    RTE के तहत शिक्षा का हक

    वाची को मिला यह एडमिशन राइट टू एजुकेशन एक्ट (RTE) के तहत मिला है, जिसके तहत प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित होती हैं.

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