MP News: बड़ौदा में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत दी. मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के माध्यम से राज्य के 305410 किसानों के खातों में कुल 238 करोड़ 78 लाख रुपये की मुआवजा राशि ट्रांसफर की. इस राहत पैकेज से श्योपुर, हरदा, विदिशा, नर्मदापुरम, धार और खंडवा जिलों के किसानों को सीधा लाभ मिला. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कांग्रेस पर तीखा कटाक्ष करते हुए राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यों की सराहना की.
किसानों को मिली वित्तीय सहायता
इस राहत राशि का वितरण मुख्य रूप से उन किसानों के लिए किया गया है जो हाल ही में फसल नुकसान से जूझ रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य किसानों को संकट के समय में आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने कृषि कार्य को फिर से पटरी पर ला सकें. श्योपुर जिले के किसानों को इस राहत योजना से सबसे बड़ी मदद मिली है. श्योपुर के 10,078 धान प्रभावित किसानों को अकेले 100 करोड़ 83 लाख रुपये की राहत राशि मिली.
विभिन्न जिलों में मुआवजे की राशि का वितरण
हरदा जिले के 95,989 किसानों को सोयाबीन फसल के नुकसान के लिए 71.52 करोड़ रुपये मिले. वहीं, विदिशा जिले के 51,830 किसानों को सोयाबीन और उड़द की फसल में हुए नुकसान के लिए 29.15 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. नर्मदापुरम जिले के 22,779 किसानों को 19.84 करोड़ रुपये, धार जिले के 19,173 किसानों को 1031 करोड़ रुपये और खंडवा के 12,961 किसानों को पीला मौजेक कीट से प्रभावित फसलों के लिए 7.13 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि मिली.
राहत योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने इस योजना को किसानों को आर्थिक रूप से सहारा देने के प्रयास के रूप में पेश किया. इस योजना के तहत किसानों को फसल क्षति, बाजार मूल्य में गिरावट और अन्य आर्थिक कठिनाइयों के कारण होने वाली परेशानी से राहत देने का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए तत्पर है और यह पैकेज उसी दिशा में एक और कदम है.
किसानों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया
इस राहत योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को पहले पंजीकरण करना होगा. किसान MP शासन के कृषि विभाग पोर्टल या MP e-Uparjan पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. इसके बाद उन्हें अपने मोबाइल नंबर से OTP वेरीफिकेशन करना होगा. इसके बाद, किसानों को अपनी फसल का विवरण भरना होगा, और धान की फसल का सर्वे विवरण (ई-क्रॉप) ऑनलाइन दर्ज करना होगा. इस प्रक्रिया से जुड़ी पूरी जानकारी संबंधित पोर्टल पर उपलब्ध है.
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