इंदौर: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सोयाबीन किसानों को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर के गौतमपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सिंगल क्लिक के माध्यम से 249 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की. यह राशि करीब 1.34 लाख किसानों को मिली है, जो राज्य सरकार की भावांतर योजना के तहत उनके नुकसान की भरपाई कर रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश की सरकार ने सोयाबीन किसानों को कम कीमतों पर अपनी उपज बेचने से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए 'भावांतर योजना' लागू की है. इस योजना का उद्देश्य किसानों को बाज़ार में कम कीमत मिलने पर भी उनके नुकसान की भरपाई करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बने रहें और कृषि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे.
इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, किसानों को किसी भी तरह नुकसान नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार की ओर से भावांतर योजना के तहत प्रदेश के 1.34 लाख सोयाबीन किसानों के बैंक खातों में 249 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेजी गई है.
सीएम मोहन यादव ने ता हमने वादा किया था कि किसानों का नुकसान नहीं होने देंगे और नुकसान की भरपाई के लिए आज दूसरी बार भावांतर राशि जारी की है. उन्होंने कहा कि 7 नवंबर से सोयाबीन का मॉडल रेट तय किया जा रहा है और हर दिन मॉडल रेट बढ़ाया जा रहा है. ताकि, किसानों की उपज का सही दाम दिया जा सके. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है.
13 दिन पहले 1.32 लाख किसानों के खाते में पहुंचा था पैसा
इससे पहले 13 नवंबर को मुख्यमंत्री ने पहले चरण में 1.32 लाख किसानों के खातों में भावांतर राशि ट्रांसफर की थी. इस दौरान देवास में आयोजित कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने अन्य विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया था. इस ट्रांसफर के साथ ही राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि किसान अपनी उपज पर न्यूनतम नुकसान उठाएं और सरकार उनके साथ खड़ी रहे.
मॉडल रेट में बढ़ोतरी से बढ़ेगा किसानों का लाभ
मध्य प्रदेश सरकार ने 7 नवंबर से सोयाबीन का मॉडल रेट तय किया, और इसके बाद प्रत्येक दिन इस रेट में बढ़ोतरी की गई है. 7 नवंबर को सोयाबीन का मॉडल रेट 4020 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि 8 नवंबर को यह बढ़कर 4033 रुपये हो गया. 9 नवंबर को रेट 4036 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया, और 12 नवंबर तक यह 4077 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया. यह बदलाव किसानों को बेहतर कीमत दिलाने के लिए किया गया है, ताकि वे बाजार में बेहतर दाम पा सकें.
मॉडल रेट के हिसाब से भावांतर राशि की गणना
सोयाबीन का मॉडल रेट हर दिन बढ़ाया गया है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सके. राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि भावांतर राशि का भुगतान इसी मॉडल रेट के आधार पर किया जाएगा, जो किसानों द्वारा मंडी में अपनी उपज की बिक्री पर निर्भर करेगा. यदि मॉडल रेट गिरता है, तो किसानों को नुकसान हो सकता है, लेकिन इस समय तक रेट में केवल बढ़ोतरी ही देखी गई है, जो किसानों के लिए सकारात्मक है.
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