कम सिबिल स्कोर के कारण नहीं मिल रहा लोन? अब बैंक नहीं कर सकते मना; सरकार ने संसद से किया ऐलान

    नई दिल्लीः कहते हैं कि सेविंग्स काफी जरूरी होती है. पर अगर किसी कारण पैसे न जुड़ पाए और फिर भी पैसों की जरूरत हो तो लोन एक बेहतर विकल्प साबित होता है. अब यहां भी कुछ चैलेंज सामने आते हैं. जैसे सिबिल स्कोर... जिसके आधार पर बैंक लोन को पास करता है. अ

    Cibil is not required for bank loan know new reels for new borrowers according to ministry
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    नई दिल्लीः कहते हैं कि सेविंग्स काफी जरूरी होती है. पर अगर किसी कारण पैसे न जुड़ पाए और फिर भी पैसों की जरूरत हो तो लोन एक बेहतर विकल्प साबित होता है. अब यहां भी कुछ चैलेंज सामने आते हैं. जैसे सिबिल स्कोर... जिसके आधार पर बैंक लोन को पास करता है. अगर सिबिल खराब है तो बैंक आपको पैसों के लिए मना कर देता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. 

    यह जानकारी उन लोगों के लिए काफी राहतमयी साबित होने वाली है, जो लोन लेने की सोच रहे हैं. दरअसल जिन लोगों के सिबिल स्कोर कम होते है उन्हें लोन लेने में काफी समस्या आती है. बैंक आपके पैसों की रिक्वेस्ट को भी सिरे से नकार देता है. पर अब ऐसा नहीं होने वाला. बैंक सिबिल के बेसिस पर आपको लोन रिक्वेस्ट को रिजेक्ट नहीं कर पाएंगे. इस बारे में सरकार ने भी सारी बातों को स्पष्ट कर दिया है.अगर आप पहली बार लोन ले रहे हैं तो बैंक आपसे सिबिल स्कोर नहीं मांगेगा. 

    नहीं ठुकरा सकते लोन रिक्वेस्ट 

    लोकसभा में चर्चा हुई जिसमें वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने RBI के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जो व्यक्ति पहली बार लोन के लिए अप्लाई कर रहा है. उसे सिर्फ इसलिए नहीं ठुकरा सकते क्योंकि उनका कोई भी क्रेडिट स्कोर है ही नहीं. उन्होंने जानकारी दी कि लोन के लिए कोई भी न्यूनतम क्रेडिट स्कोर को तय नहीं किया गया है. मंत्री ने आगे कहा कि एक खुले क्रेडिट माहौल में, लोन देने वाले बैंक अपनी नीतियों के अनुसार लोन देने का फैसला करते हैं. वे क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट और दूसरी जानकारियों को देखकर यह तय करते हैं कि लोन देना है या नहीं.


    लोन देने से पहले करें पूरी जांच 

    इसी के साथ मंत्री ने ये भी स्पष्ट तौर पर कहा कि बैंक लोन देने से पहले अपनी पूरी जांच करें. लेकिन लोन देने से पहले उनके सिबिल स्कोर की जांच जरूरी नहीं है. यह जरूर चेक करना चाहिए कि जो व्यक्ति अप्लाई कर रहा है उसने इससे पहले कोई लोन लिया है या फिर नहीं. अगर लिया है तो उसे चुकाया या नहीं कहीं उसने लोन चुकाने में देरी तो नहीं की है या फिर उसका कोई लोन सेटल हुआ है, या उसे माफ कर दिया गया है.

    क्रेडिट रिपोर्ट देने के लिए कितना चार्ज? 

    सदन में उन्होंने ये भी बताया कि कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट देने के लिए 100 रुपये तक ले सकती हैं. अगर इससे ज्यादा चार्ज किया तो वह गलत माना जाएगा. उन्होंने कहा कि ये फीस रिजर्व बैंक तय करता है. इतना ही नहीं एक नियम का भी जिक्र उन्होंने इस दौरान किया और कहा कि साल 2016 में 1 सितंबर को रिजर्व बैंक की ओर से एक रूल जारी किया गया था. जिसके मुताबिक बैंकों को साल में एक बार व्यक्ति को बिल्कुल मुफ्त में क्रेडिट रिपोर्ट देनी होगी. 

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