बीजिंग की सत्ता गलियों में इन दिनों असामान्य सन्नाटा पसरा है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बीते दो हफ्तों से कहीं नजर नहीं आए हैं और इस दौरान उन्होंने कोई सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया. इतना ही नहीं, खबर है कि वे ब्राजील में आयोजित होने वाले आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग नहीं लेंगे ऐसा पहली बार हो रहा है जब शी इस मंच से अनुपस्थित रहेंगे.
इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कयासों का दौर तेज हो गया है:
क्या शी जिनपिंग के युग का अंत आने वाला है?
अगर हां, तो अगला नेतृत्व किसके हाथों में होगा? हालांकि कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी घोषित नहीं हुआ है, लेकिन कुछ नाम चर्चा में जोरशोर से चल रहे हैं, जो भविष्य में चीन की बागडोर संभाल सकते हैं.
1. जनरल झांग यूक्सिया – सैन्य शक्ति का प्रतीक
शी जिनपिंग की गैरहाजिरी में जनरल झांग यूक्सिया की भूमिका तेजी से उभरती दिख रही है. वे सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के पहले उपाध्यक्ष हैं और चीन की सैन्य रणनीति में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं. कहा जा रहा है कि वे पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के करीबी नेताओं का समर्थन प्राप्त कर रहे हैं. यदि सत्ता पलट होती है, तो झांग एक ताकतवर खिलाड़ी बनकर उभर सकते हैं.
2. ली कियांग – प्रधानमंत्री और आर्थिक मास्टरमाइंड
ली कियांग, जो 2023 से चीन के प्रधानमंत्री हैं, शी के लंबे समय से भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं. शंघाई के कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उनका प्रशासनिक नेतृत्व और जी-20 सम्मेलन में शी की जगह उनकी मौजूदगी इस बात का संकेत है कि वे सत्ता की सीढ़ियों पर काफी ऊपर चढ़ चुके हैं. चीन की अर्थव्यवस्था की कमान भी इन्हीं के हाथ में है.
3. डिंग शूजियांग – बैकग्राउंड से फ्रंटलाइन की ओर
शी जिनपिंग के प्रमुख सचिव रह चुके डिंग शूजियांग को एक भरोसेमंद रणनीतिकार माना जाता है. उन्होंने बिना किसी प्रांतीय प्रशासनिक अनुभव के राष्ट्रीय स्तर पर उभरते हुए ताकत हासिल की है. वे नीति समन्वय में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं. उनकी शी से निकटता उन्हें उत्तराधिकार की दौड़ में मजबूत बनाती है.
4. वांग हुनिंग – विचारधारा के किंगमेकर
वांग हुनिंग चीन के राजनीतिक सलाहकार निकाय CPPCC के अध्यक्ष हैं और उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी का ‘आदर्श सिद्धांतकार’ कहा जाता है. हालांकि वे प्रशासनिक तौर पर कम अनुभवी हैं, लेकिन उनकी विचारधारात्मक पकड़ उन्हें भविष्य में किसी उत्तराधिकारी को तैयार करने वाला “किंगमेकर” बना सकती है.
5. झाओ लेजी – संविधान और कानून में पकड़
भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्टी अभियान का चेहरा रहे झाओ लेजी इस वक्त नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के चेयरमैन हैं और पार्टी के स्थायी पोलितब्यूरो समिति के वरिष्ठ सदस्य भी. कानूनी और संवैधानिक मुद्दों में उनका अनुभव उन्हें संभावित उत्तराधिकारी के रूप में मजबूत बनाता है.
6. ली होंगजोंग – वफादारी ही ताकत
चीन की राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ते हुए ली होंगजोंग अब नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वे अपेक्षाकृत कम दिखते हैं, लेकिन पार्टी के भीतर उनका मजबूत पकड़ और शी जिनपिंग के प्रति वफादारी उन्हें सत्ता के समीकरणों में अहम बनाती है.
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