चीन की गीदड़ भभकी! हर रोज बॉर्डर पर कर रहा चूं-चूं, पड़ोसी ने आर्मी को अलर्ट रहने की दी चेतावनी; छिड़ेगा युद्ध?

    रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने हाल ही में दिए गए बयान में स्पष्ट किया कि ताइवान को एक द्वीप देश होने के नाते सैन्य आपूर्ति का भरपूर भंडारण करना चाहिए ताकि किसी भी संभावित चीनी हमले का डटकर मुकाबला किया जा सके.

    China threats making noises on taiwan border army alert
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    ताइपेः बढ़ते चीनी दबाव के बीच ताइवान ने अपनी सैन्य तैयारियों को तेजी से मजबूत करना शुरू कर दिया है. बीजिंग की आक्रामक रणनीति और बार-बार होने वाले सैन्य अभ्यासों को देखते हुए ताइवान ने अपनी रक्षा नीति में कई अहम बदलाव किए हैं. रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू और राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सेना के आधुनिकीकरण और उसकी युद्ध क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया है.

    युद्ध की आशंका, तैयारियां तेज

    रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने हाल ही में दिए गए बयान में स्पष्ट किया कि ताइवान को एक द्वीप देश होने के नाते सैन्य आपूर्ति का भरपूर भंडारण करना चाहिए ताकि किसी भी संभावित चीनी हमले का डटकर मुकाबला किया जा सके. उन्होंने कहा कि देश को लंबे समय तक संघर्ष झेलने की क्षमता विकसित करनी होगी और इसके लिए धैर्य के साथ ठोस तैयारियां करनी होंगी.

    सैन्य ढांचे में बड़े बदलाव

    पिछले कुछ महीनों में ताइवान ने अपनी सेनाओं के ढांचे और ट्रेनिंग सिस्टम में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं. इसमें अत्याधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन, मोबाइल रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को शामिल किया गया है. साथ ही सैनिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अपग्रेड किया गया है, ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में तेज़ी और कुशलता से प्रतिक्रिया दे सकें.

    अनिवार्य सैन्य सेवा में वृद्धि

    देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए जनवरी 2024 से अनिवार्य सैन्य सेवा की अवधि को बढ़ाकर एक साल कर दिया गया है. यह कदम युवाओं में रक्षा भावना को मजबूत करने और सेना की संख्या व कुशलता को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है.

    हान कुआंग सैन्य अभ्यास: एक बड़ा परीक्षण

    हर साल होने वाला ‘हान कुआंग’ सैन्य अभ्यास इस बार 9 से 18 जुलाई तक चलेगा. यह पिछले वर्षों की तुलना में अधिक व्यापक और लंबा होगा. पिछले साल इसे तूफान के कारण छोटा करना पड़ा था, लेकिन इस बार इसका उद्देश्य सेना की परिचालन क्षमताओं की गहराई से जांच करना और उसकी कमजोरियों को सुधारना है.

    चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियां

    चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा ताइवान के आसपास लगातार सैन्य गतिविधियां की जा रही हैं. बीजिंग ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और इसे बलपूर्वक अपने नियंत्रण में लेने की बात से इंकार नहीं करता. विश्लेषकों का मानना है कि यह गतिविधियां चीन की "न्यू नॉर्मल" रणनीति का हिस्सा हैं, जिससे वह ताइवान पर मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक दबाव बनाना चाहता है.

    आने वाले समय में और भी फैसले संभव

    इस साल के अंत तक सैनिकों की संख्या, तैनाती और सैन्य संसाधनों की व्यापक समीक्षा की जाएगी. ताइवान की रणनीति अब सिर्फ रक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि संभावित खतरे को पहले ही भांपकर सक्रिय तैयारियों की ओर बढ़ रही है.

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