चीन-पाकिस्तान की रणनीतिक जुगलबंदी का खुलासा, खुफिया गठजोड़ से भारत के खिलाफ साझा मिशन

    CHINA PAK NEXUS: भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान के बीच बनी ‘ऑल वेदर फ्रेंडशिप’ अब केवल सीमित सैन्य सहयोग तक नहीं रह गई है. खुफिया सूत्रों के हवाले से जो जानकारियाँ सामने आई हैं.

    China Pakista alliance against india
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    CHINA PAK NEXUS: भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान के बीच बनी ‘ऑल वेदर फ्रेंडशिप’ अब केवल सीमित सैन्य सहयोग तक नहीं रह गई है. खुफिया सूत्रों के हवाले से जो जानकारियाँ सामने आई हैं, उनसे यह स्पष्ट होता है कि दोनों देश मिलकर एक संगठित और स्थायी खुफिया ढांचे पर काम कर रहे हैं. इस ढांचे का उद्देश्य भारत की सैन्य गतिविधियों पर निगरानी रखना और रणनीतिक जानकारी साझा करना है.

    सबसे अहम बात यह है कि पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी अब केवल चीन की पीएलए यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मुख्यालय में ही नहीं, बल्कि चीन की खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) में भी तैनात किए गए हैं. यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच खुफिया सहयोग के अभूतपूर्व स्तर की ओर इशारा करता है.

    2021 से शुरू हुई थी खुफिया साझेदारी की नई पहल

    खबरों की मानें तो यह रणनीतिक गठबंधन वर्ष 2021 में और भी गहराया, जब चीन और पाकिस्तान ने भारतीय सीमाओं के आसपास सैन्य और खुफिया आधार पर समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया. इस साझेदारी का प्रमुख उद्देश्य भारतीय गतिविधियों पर रीयलटाइम जानकारी इकट्ठा करना और उसका विश्लेषण करना रहा है.

    पहले केवल PLA के ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट में पाकिस्तानी अफसर तैनात किए जाते थे, लेकिन अब यह तैनाती चीन की सबसे गोपनीय खुफिया इकाई MSS तक पहुँच चुकी है. जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के कर्नल रैंक के अधिकारी इन पदों पर नियुक्त हैं, जो दोनों देशों के बीच खुफिया सूचना के आदान-प्रदान में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

    भारतीय सीमा से सटे कमांड सेंटरों में पाकिस्तानी मौजूदगी

    सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के दो उच्च पदस्थ सैन्य अधिकारी चीन के वेस्टर्न थिएटर कमांड और साउथ थिएटर कमांड में तैनात हैं, ये वही क्षेत्र हैं जो भारतीय सीमा से लगे हुए हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत पर नजर रखने के लिए चीन-पाक की यह रणनीति कितनी सटीक और केंद्रित है.

    बीजिंग स्थित पाक दूतावास बना रणनीतिक सेंटर

    बीजिंग स्थित पाकिस्तानी दूतावास इस गठजोड़ का एक अहम केंद्र बन गया है, जहां डिफेंस अटैशे के अलावा दर्जनों पाकिस्तानी सैन्य अफसर मौजूद हैं. ये अफसर CPEC, डैम प्रोजेक्ट, एयर डिफेंस सप्लाई और सैन्य साजो-सामान से जुड़े हर मोर्चे पर चीनी अधिकारियों से तालमेल बनाए रखते हैं.

    MSS की ISI के साथ बढ़ती नज़दीकियां

    MSS यानी चीन की प्रमुख खुफिया एजेंसी अब न सिर्फ पाकिस्तान की ISI से सूचनाएं साझा कर रही है, बल्कि नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में ISI एजेंटों के साथ समन्वय के संकेत भी मिल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, MSS ने नेपाल में ISI के ऑपरेटिव्स को मदद पहुंचाने और भारत के खिलाफ जानकारी जुटाने में सीधा दखल दिया है.

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