बड़े हमले की तैयारी में चीन! सैटेलाइट तस्वीरों से खुला ड्रैगन के सीक्रेट अड्डे का राज, खतरनाक हथियार तैनात

    China Navy Air Base Taiwan Invasion: पूर्वी एशिया की हवा एक बार फिर गर्म हो चली है. चीन, जो पहले ही ताइवान को लेकर अपनी आक्रामक रणनीति के लिए जाना जाता है, अब जमीन पर ऐसे संकेत दे रहा है जो किसी बड़े इरादे की ओर इशारा करते हैं.

    China is preparing for a big attack Satellite images reveal the secret of Dragon base
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    China Navy Air Base Taiwan Invasion: पूर्वी एशिया की हवा एक बार फिर गर्म हो चली है. चीन, जो पहले ही ताइवान को लेकर अपनी आक्रामक रणनीति के लिए जाना जाता है, अब जमीन पर ऐसे संकेत दे रहा है जो किसी बड़े इरादे की ओर इशारा करते हैं. सैटेलाइट से ली गई ताज़ा तस्वीरें दिखा रही हैं कि चीन अपने पूर्वी तट पर बड़े स्तर पर वायुसेना और नौसेना ठिकानों को न सिर्फ अपग्रेड कर रहा है, बल्कि कुछ पूरी तरह नए बेस भी बनाए जा रहे हैं, वो भी ताइवान के बेहद करीब.

    इस सैन्य गतिविधि के पीछे सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर विकास नहीं, बल्कि एक भू-राजनीतिक प्लानिंग छिपी हो सकती है. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ये निर्माण कार्य राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ताइवान को लेकर घोषित "एकीकरण नीति" को ज़मीन पर उतारने की तैयारी है.

    सैटेलाइट तस्वीरों ने खोला चीन के युद्ध प्लान का खाका

    वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पूर्वी तट पर नौसेना के लिए बनाए जा रहे नए बर्थ इतने बड़े हैं कि वहां खतरनाक युद्धपोत, टैंक-ट्रांसपोर्ट जहाज और लैंडिंग क्राफ्ट जैसे भारी सैन्य संसाधन आसानी से तैनात किए जा सकते हैं.

    सबसे ज़्यादा ध्यान खींचा है वानझोउ के पास यूकिंग खाड़ी में बन रहे एक विशाल नौसैनिक अड्डे ने, जहां हाल ही में 20 से अधिक सैन्य जहाज खड़े देखे गए. यह लोकेशन ताइवान के उत्तर में है और किसी भी सैन्य अभियान के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम मानी जाती है.

    हेलीकॉप्टर और एयरबेस से होगा हवा में शिकंजा

    चीन ने फुजियान प्रांत में ताइवान जलडमरूमध्य के ठीक सामने एक नया हेलीकॉप्टर बेस तैयार किया है. इस बेस से चीन अपने लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को ताइवान के द्वीपों पर तैनात करने या तत्काल हमला करने की स्थिति में तेजी से काम में ला सकता है.

    इसके अलावा, दो बड़े हवाई अड्डों, जियामेन जियांगआन और फूजौ चांगले पर काम तेजी से चल रहा है. इनमें से जियामेन एयरपोर्ट तो ताइवान के किनमेन द्वीप से महज 5 किलोमीटर दूर है. अगर भविष्य में कोई सैन्य टकराव होता है, तो यह लोकेशन सीधे फ्रंटलाइन बन सकती है.

    "यह सिर्फ विकास नहीं, रणनीति है"

    पूर्व अमेरिकी नौसेना खुफिया अधिकारी माइकल डेम के मुताबिक, ये निर्माण सिर्फ साधारण बेस इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं, बल्कि चीन के संभावित सैन्य ऑपरेशन की तैयारी का हिस्सा हैं. चीन न सिर्फ ताइवान पर बल प्रयोग की संभावना से इनकार नहीं करता, बल्कि कई बार साफ कर चुका है कि वह "एक देश, एक नीति" को लागू करने से पीछे नहीं हटेगा.

    इसी बीच अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा चुके हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने मई में खुलासा किया था कि ताइवान पर चीन का हमला "किसी भी समय" हो सकता है.

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