Peter Navarro India: भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर लगाए गए आरोपों को लेकर एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और वरिष्ठ रणनीतिकार पीटर नवारो ने भारत पर तीखा हमला बोलते हुए उसे मुनाफाखोर और 'क्रेमलिन का लॉन्ड्रोमैट' तक कह डाला. लेकिन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर उनकी बातों की असलियत जल्द ही सामने आ गई.
X की फैक्ट-चेकिंग टीम यानी कम्युनिटी नोट्स ने नवारो के दावों को भ्रामक और तथ्यों से परे करार दिया. इसके जवाब में खुद एलन मस्क ने भी अपनी बात दोहराई कि "हमारे मंच पर जनता तय करती है कि नैरेटिव क्या होगा. हर बात की जांच होगी, पक्षपात रहित और खुले तथ्यों के आधार पर."
On this platform, the people decide the narrative.
— Elon Musk (@elonmusk) September 7, 2025
You hear all sides of an argument.
Community Notes corrects everyone, no exceptions. Notes data & code is public source.
Grok provides further fact-checking.
क्या थे नवारो के आरोप?
पीटर नवारो ने अपने पोस्ट में कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर युद्ध का समर्थन कर रहा है. ऊंचे टैरिफ से अमेरिका की नौकरियां खत्म हो रही हैं. भारत "रूसी सैन्य ताकत" को अप्रत्यक्ष रूप से मज़बूत कर रहा है.
X ने कैसे किया जवाब?
X की कम्युनिटी नोट्स ने उनकी पोस्ट पर फैक्ट-चेक के साथ ये स्पष्ट किया कि भारत का रूस से तेल खरीदना उसकी ऊर्जा सुरक्षा नीति का हिस्सा है, जो पूरी तरह वैधानिक और पारदर्शी है. अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम और अन्य वस्तुएं आयात करता है, जो नवारो के दोहरे रवैये को दर्शाता है. भारत पर युद्ध को बढ़ावा देने का आरोप तथ्यहीन और राजनीतिक रूप से पक्षपाती है.
Wow. @elonmusk is letting propaganda into people's posts. That crap note below is just that. Crap. India buys Russia oil solely to profiteer. It didn't buy any before Russia invaded Ukraine. Indian govt spin machine moving high tilt. Stop killing Ukranians. Stop taking… https://t.co/Uj1NMUrVOM
— Peter Navarro (@RealPNavarro) September 6, 2025
नवारो का जवाब और विवादित
फैक्ट-चेकिंग से नाराज़ नवारो ने इसे "बकवास" बताते हुए एलन मस्क पर "प्रोपेगैंडा फैलाने" का आरोप लगाया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि रूस-यूक्रेन युद्ध "मोदी का युद्ध" है. इसके साथ ही भारत पर जातिगत टिप्पणियों के चलते वे और भी अधिक आलोचना के घेरे में आ गए.
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