'अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा...', दलाई लामा को लेकर तिलमिलाया चीन, फिर दी भारत को धमकी

    दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन ने भारत को एक सख्त चेतावनी दे डाली है. चीन का कहना है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर हस्तक्षेप भारत के लिए उल्टा पड़ सकता है और यह उनके लिए एक 'खतरनाक कदम' हो सकता है.

    China India Relations Dalai Lama succession issue
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    चीन और भारत के बीच ताजातरीन कूटनीतिक वार्ता को लेकर एक नई उथल-पुथल शुरू हो गई है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हालिया चीन दौरे को दोनों देशों के रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा था, लेकिन तिब्बत और दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन ने भारत को एक सख्त चेतावनी दे डाली है. चीन का कहना है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर हस्तक्षेप भारत के लिए उल्टा पड़ सकता है और यह उनके लिए एक 'खतरनाक कदम' हो सकता है.

    क्या है पूरा मामला?

    इस महीने की शुरुआत में तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने अपना 90वां जन्मदिन मनाया. इस मौके पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि उनका उत्तराधिकारी चुनने में चीन की कोई भूमिका नहीं हो सकती. इस पर भारत सरकार के कई मंत्री और वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए थे, जिसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू प्रमुख थे. दलाई लामा का कहना था कि तिब्बतियों के बीच पुनर्जन्म की परंपरा है और उनके उत्तराधिकारी का चयन केवल तिब्बती बौद्ध धर्मगुरुओं के द्वारा किया जाएगा, ना कि किसी बाहरी ताकत द्वारा.

    चीन का तीखा हमला और चेतावनी

    चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत को चेतावनी दी है कि वह 'शिज़ांग कार्ड' न खेले, जो कि चीन का आंतरिक मामला है. चीनी दूतावास ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि तिब्बत के मुद्दे को लेकर भारत में कई पूर्व अधिकारियों और शैक्षणिक समुदाय के लोग दलाई लामा के पुनर्जन्म पर अनुचित टिप्पणियां कर रहे हैं. चीनी दूतावास की प्रवक्ता ने कहा, “भारत को शिज़ांग से संबंधित मुद्दों की संवेदनशीलता को समझना चाहिए और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

    चीन ने तिब्बती संस्कृति के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जताई और कहा कि शिज़ांग में तिब्बती अपनी पारंपरिक संस्कृति को स्वतंत्र रूप से बनाए रखते हैं. इसके साथ ही, चीनी सरकार ने भारत को यह चेतावनी दी कि 'शिज़ांग कार्ड' खेलना चीन-भारत संबंधों के लिए एक बड़ा बोझ बन सकता है और यह भारत के लिए एक खतरनाक कदम साबित हो सकता है. अंत में उन्होंने लिखा कि 'शिजांग कार्ड' खेलना निश्चित रूप से अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा.

    चीन और भारत के रिश्तों में नया मोड़

    दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे को लेकर चीन की तीखी प्रतिक्रिया, चीन-भारत संबंधों में एक नए तनाव को जन्म दे सकती है. यह केवल तिब्बत के मुद्दे पर विवाद नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक और रणनीतिक मतभेदों को भी उजागर करता है. भारत के लिए यह एक कठिन स्थिति है, क्योंकि वह तिब्बतियों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों के समर्थन में रहा है, जबकि चीन इसे अपने आंतरिक मामले के रूप में देखता है.

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