B-2 Bomber: दशकों तक अमेरिका का B-2 स्पिरिट बॉम्बर दुनिया के सबसे घातक और अदृश्य हमलावर विमानों में शुमार रहा है. इसकी स्टील्थ तकनीक और लंबी दूरी तक अचूक बमबारी करने की क्षमता ने इसे सैन्य जगत का 'अदृश्य शिकारी' बना दिया. लेकिन अब चीन एक नई चुनौती के साथ सामने आया है. एक रहस्यमयी स्टील्थ फाइटर जेट J-36, जिसे विशेषज्ञ अमेरिका के B-2 को टक्कर देने वाला मान रहे हैं.
J-36: चीन का अगली पीढ़ी का रहस्यमयी फाइटर जेट
J-36 पहली बार 26 दिसंबर को सामने आया था, लेकिन आधिकारिक रूप से इसका प्रदर्शन अभी तक नहीं हुआ है. यह विमान चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसे गुप्त रूप से 'गिंगको लीफ' कोडनेम दिया गया है.
इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं:
• लंबाई लगभग 65 फीट, जो चीन के ही J-20 के बराबर मानी जा रही है.
• पंखों का फैलाव अधिक, जिससे ईंधन और हथियारों की अधिक क्षमता मिलती है.
• टेललेस डिज़ाइन, जो इसे रडार से बचाने में कारगर बनाता है.
• WS-10C Taihang इंजन, जिनका इस्तेमाल J-20 में भी हुआ है, लेकिन संभावना है कि भविष्य में इसे WS-15 इंजन से अपग्रेड किया जाएगा.
• दो सीटों वाला कॉकपिट, जो रूसी Su-34 या अमेरिकी B-2 की तरह दिखाई देता है.
B-2 बनाम J-36: कौन है ज्यादा घातक?
क्या J-36 अमेरिका की बढ़त को खत्म कर सकता है?
भले ही B-2 स्पिरिट अब तक स्टील्थ बॉम्बर्स की दुनिया का एकमात्र सम्राट रहा हो, लेकिन J-36 का उभरना चीन के सैन्य इरादों का स्पष्ट संकेत देता है. यह सिर्फ एक लड़ाकू विमान नहीं, बल्कि चीन के भविष्य के युद्ध की रणनीति का हिस्सा है. इसकी तकनीकी खूबियों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन न केवल अमेरिका को चुनौती देना चाहता है, बल्कि डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता के नए युग में प्रवेश कर चुका है.
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