PAK को चीन ने फिर लगा दिया चूना! आधुनिक के नाम पर दिया कबाड़ हथियार, अरब सागर में तबाह कर देगा भारत

    Navy Power: 2015 में पाकिस्तान ने जब चीन से हंगूर क्लास पनडुब्बियां खरीदने का ऐलान किया था, तब इसे “गेमचेंजर डिफेंस डील” कहा गया था.

    China cheated Pakistan again Gave junk weapons know the strength of Indian Navy
    Image Source: ANI/ File

    Navy Power: 2015 में पाकिस्तान ने जब चीन से हंगूर क्लास पनडुब्बियां खरीदने का ऐलान किया था, तब इसे “गेमचेंजर डिफेंस डील” कहा गया था. दावा था कि ये एडवांस AIP टेक्नोलॉजी से लैस पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के संतुलन को चुनौती देंगी. मगर 2025 आते-आते हालात पूरी तरह पलट चुके हैं और आज वही हंगूर क्लास पाकिस्तान के लिए रणनीतिक संकट बन चुकी है.

    कभी जो ताकत बनने वाली थी, अब वही पनडुब्बियां पाकिस्तान की कमजोरियों की सबसे बड़ी मिसाल बन गई हैं. वहीं दूसरी तरफ भारत ने अपने पनडुब्बी बेड़े और समुद्री सर्विलांस सिस्टम को इतना आगे पहुंचा दिया है कि अब पाकिस्तान का पूरा समुद्री क्षेत्र भारत की निगरानी के घेरे में आ चुका है.

    चीन से डील, लेकिन टेक्नोलॉजी नहीं

    पाकिस्तान ने चीन के साथ 8 हंगूर क्लास पनडुब्बियों का करार किया था, जो 2022 तक डिलीवर होनी थीं. इनका बेस था चीन का Type-039B डिजाइन, जो AIP तकनीक से लैस होने वाला था. लेकिन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से चीन का इनकार और जर्मन इंजनों पर प्रतिबंध ने पूरे प्रोजेक्ट को अटका दिया.

    AIP सिस्टम को शोर करने वाला SMD-24 डीजल इंजन नहीं मिला. साइलेंस मोड की बजाय अब पाक पनडुब्बियों को आवाजें निकालते हुए छिपना है. इतना ही नहीं, चीन से मिलने वाली तकनीक का बड़ा हिस्सा अब भी "ब्लैक बॉक्स" बना हुआ है. यानी पाकिस्तान को हर अपडेट, हर सुधार और हर मरम्मत के लिए बीजिंग की तरफ देखना होगा.

    समुद्र में अदृश्य लेकिन अजेय

    जहां पाकिस्तान अभी तक पतवारों के निर्माण में फंसा है, वहीं भारत पहले ही एक नेटवर्क्ड सबमरीन वारफेयर सिस्टम खड़ा कर चुका है. ये 12 P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट, जो 1200 नॉटिकल मील तक सबमरीन डिटेक्शन और टारगेटिंग में सक्षम हैं. COMCASA जैसे समझौतों के जरिए भारत की नौसेना को अमेरिका से रीयल-टाइम डेटा शेयरिंग की सुविधा है. DRDO के सी-बेड सेंसर और अंडरवॉटर ग्लाइडर्स, जो पाकिस्तान के बंदरगाहों तक पनडुब्बियों की हलचल को ट्रैक कर सकते हैं. इस पूरे सिस्टम को जोड़ता है भारत का नेवल इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर, जो एआई आधारित ध्वनि विश्लेषण से पनडुब्बियों की पहचान करता है.

    INS अर्नाला से INS अजय तक 

    भारत की ASW-SWC (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft) श्रेणी के जहाज, जैसे INS अर्नाला और INS अजय, अब तटीय जलसीमा की रक्षा में सक्रिय हैं. ये जहाज अत्याधुनिक सोनार से लैस हैं. साथ ही हल्के टॉरपीडो और सबमरीन-रोधी रॉकेट से सज्जित हैं, और खासतौर पर पाकिस्तानी पनडुब्बियों को रोकने के लिए डिजाइन किए गए हैं.

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