समंदर में दिखी चीनी ताकत, सबसे खतरनाक एयरक्राफ्ट Fujian पर सवार घातक J-15T फाइटर, कांप रहा अमेरिका!

    जहां दुनिया एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन की होड़ में उलझी है, वहीं चीन ने अपने समुद्री सामर्थ्य का प्रदर्शन करते हुए दुनिया को चौंका दिया है. अमेरिका और रूस के बीच चल रहे समुद्री वर्चस्व की खींचतान के बीच बीजिंग ने अपने सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट कैरियर "फुज़ियान" का वीडियो सार्वजनिक कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है.

    China Biggest Aircraft Carrier Shown Fujian know power
    Image Source: Social Media

    जहां दुनिया एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन की होड़ में उलझी है, वहीं चीन ने अपने समुद्री सामर्थ्य का प्रदर्शन करते हुए दुनिया को चौंका दिया है. अमेरिका और रूस के बीच चल रहे समुद्री वर्चस्व की खींचतान के बीच बीजिंग ने अपने सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट कैरियर "फुज़ियान" का वीडियो सार्वजनिक कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. यह वही वॉरशिप है, जिसे चीन लंबे समय से अपनी नौसेना की ताकत का प्रतीक मानता रहा है.


    टाइप 003 फुज़ियान क्लास कैरियर चीन की अब तक की सबसे आधुनिक और भारी-भरकम विमानवाहक पोत परियोजना मानी जा रही है. यह वॉरशिप केवल आकार में बड़ा नहीं है, बल्कि तकनीक के लिहाज से भी दुनिया की बड़ी सैन्य ताकतों को चुनौती देने की क्षमता रखता है.

    चीन का ‘समंदर पर सिंघासन’ - टाइप 003 फुज़ियान

    सरकारी ब्रॉडकास्टर CCTV द्वारा जारी फुटेज में फुज़ियान के डेक पर J-15T फाइटर जेट को लॉन्चिंग पोजिशन में दिखाया गया. एक अधिकारी की हरी झंडी के बाद विमान उड़ान भरता है, हालांकि फुटेज में टेक-ऑफ का दृश्य नहीं दिखाया गया. लेकिन यह स्पष्ट है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) ने इसकी तैयारी काफी पहले से कर रखी थी. वीडियो 30 जुलाई को जारी किया गया—यानी नेवी की 98वीं वर्षगांठ (1 अगस्त) से ठीक पहले.

    इलेक्ट्रोमैग्नेटिक टेक्नोलॉजी से लैस नया युग

    फुज़ियान की सबसे बड़ी खासियत इसकी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापुल्ट सिस्टम है, जो अब तक केवल अमेरिका के कुछ एयरक्राफ्ट कैरियर में देखने को मिली थी. इस सिस्टम की मदद से फाइटर जेट्स को कम दूरी में ज्यादा रफ्तार से उड़ाया जा सकता है, जिससे कैरियर की युद्धक्षमता कई गुना बढ़ जाती है. इसके साथ ही ‘अरेस्टिंग गियर’ यानी विमान को डेक पर रोकने वाली तकनीक भी अब टेस्टिंग के उन्नत चरण में पहुंच चुकी है. पहले जमीन पर इसके सफल परीक्षण किए जा चुके हैं, लेकिन अब समुद्र में वास्तविक वातावरण में इसके प्रदर्शन को जांचा जा रहा है.

    J-15 से लेकर अगली पीढ़ी के J-35 तक की टेस्टिंग की तैयारी


    मई 2025 में फुज़ियान का आठवां समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया गया था. उसके कुछ ही महीने बाद यह नया वीडियो सामने आया है. इससे यह संकेत मिलते हैं कि चीन की नौसेना अब न केवल J-15T लड़ाकू विमानों की उड़ान परीक्षण कर रही है, बल्कि अगली पीढ़ी के फिफ्थ जेनरेशन स्टील्थ जेट J-35 की टेस्टिंग की भी तैयारी में है. विशेषज्ञों का मानना है कि विमानवाहक पोत के डेक पर देखे गए टायर के निशान इस ओर इशारा करते हैं कि ‘टच एंड गो’ लैंडिंग जैसी जटिल प्रक्रियाओं का परीक्षण पहले ही शुरू हो चुका है.

    सैन्य रणनीति में बड़ा बदलाव

    मिलिट्री मामलों पर नजर रखने वाले जानकारों के अनुसार, फुज़ियान का ये परीक्षण न केवल तकनीकी रूप से अहम है, बल्कि यह चीन की वैश्विक रणनीति का भी बड़ा संकेत है. चीन अपनी नौसेना को केवल तटीय सुरक्षा तक सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि वह ओशियनिक डोमिनेंस यानी महासागरों पर वर्चस्व स्थापित करने की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रहा है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फुज़ियान को 2025 के अंत तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के बेड़े में आधिकारिक रूप से शामिल किया जा सकता है. इस के बाद चीन के पास अमेरिका की तरह तीन फुल-साइज्ड एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे—एक बड़ी सामरिक उपलब्धि.

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