विज्ञान और रक्षा की दुनिया में एक सनसनीखेज दावे ने हलचल मचा दी है. चीन ने ऐसा कारनामा करने का दावा किया है, जो अब तक अमेरिका और रूस जैसे तकनीकी महाशक्तियों के लिए भी सिर्फ सपना रहा है. चीन ने ‘रोटेटिंग डिटोनेशन इंजन’ (RDE) को लगातार 600 सेकंड तक सफलतापूर्वक चलाकर एक ऐतिहासिक मील का पत्थर छूने का दावा किया है — और यही दावा भविष्य के युद्धों की रूपरेखा बदल सकता है.
RDE: पारंपरिक इंजनों से बिल्कुल अलग
‘रोटेटिंग डिटोनेशन इंजन’ सामान्य जेट या रॉकेट इंजनों से बिल्कुल अलग तरीके से काम करता है. यह ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए निरंतर डिटोनेशन वेव्स यानी विस्फोट लहरों का उपयोग करता है. इसका मतलब है — कम ईंधन में ज़्यादा थ्रस्ट, और बेहद तेज़ रफ्तार. इस तकनीक की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह इंजन न केवल रॉकेट्स और हाइपरसोनिक मिसाइलों को अभूतपूर्व गति दे सकता है, बल्कि लंबी दूरी तक प्रभावी तरीके से उन्हें संचालित भी कर सकता है.
तकनीक जिसकी दुनिया कर रही है तलाश
1950 के दशक से अमेरिका इस तकनीक पर काम कर रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन और US एयर फोर्स ने Oblique Detonation Engine (ODE) की दिशा में प्रयोग शुरू किए थे. NASA ने 1970 में इस तकनीक से Mach 16 तक पहुंचने की कोशिश की थी. लेकिन असली चुनौती थी — डिटोनेशन वेव को स्थिर बनाए रखना और ईंधन-ऑक्सीजन के अनुपात को संतुलित करना. नतीजतन, अमेरिका का 2012 में शुरू हुआ ‘ड्रीम शेल’ प्रोजेक्ट भी 2021 में रद्द कर दिया गया.
चीन का दावा: 10 मिनट में दुनिया को चौंकाने वाला इंजन
चीन की National University of Defense Technology के वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को एक छोटे पैमाने पर विंड टनल में सफलतापूर्वक परखा. उन्होंने एथिलीन और ऑक्सीजन को मिलाकर लगातार 10 मिनट तक विस्फोट किए और इंजन को स्थिर व ठंडा बनाए रखा. इस परीक्षण से यह संकेत मिलता है कि अगर यह इंजन बड़े पैमाने पर काम करता है, तो यह हाइपरसोनिक हथियारों, स्पेस टेक्नोलॉजी और अगली पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है.
क्या वाकई चीन निकल गया आगे?
फिलहाल चीन के इस दावे की कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है. अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञ इसे लेकर संशय में हैं, क्योंकि चीन अक्सर अपनी सैन्य परियोजनाओं को गुप्त रखता है. फिर भी, यदि यह दावा तकनीकी रूप से सही सिद्ध होता है, तो यह न केवल वैश्विक सामरिक संतुलन को हिला सकता है, बल्कि भविष्य के युद्धों की तैयारी और रणनीति की दिशा ही बदल सकता है.
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