भारतीय क्रिकेट का एक सुनहरा अध्याय आज समाप्त हो गया, जब टीम इंडिया के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी. उन्होंने 24 अगस्त को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल के ज़रिए एक भावुक पोस्ट शेयर करते हुए क्रिकेट से विदाई लेने की जानकारी दी.
चेतेश्वर पुजारा ने अक्टूबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. उसके बाद से उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम के टॉप ऑर्डर में नंबर 3 के बल्लेबाज के तौर पर खुद को स्थापित किया. पुजारा को उनके धैर्य, तकनीक और मुश्किल हालात में टिककर खेलने की क्षमता के लिए जाना जाता है. उन्होंने अपने करियर में 100 से अधिक टेस्ट मैच खेले और 7000 रन बनाए. उनके नाम करीब 19 टेस्ट शतक दर्ज हैं.
सीमित ओवर क्रिकेट में नहीं चल पाई वैसी चमक
हालांकि पुजारा को वनडे और टी20 फॉर्मेट में ज्यादा मौके नहीं मिले और न ही वहां वह ज्यादा प्रभाव छोड़ सके, लेकिन उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में जो योगदान दिया, वह हमेशा याद रखा जाएगा. कई मौकों पर उन्होंने भारत को विदेशी धरती पर मुश्किल हालात में उबारा और मुकाबले में बनाए रखा.
टीम इंडिया के लिए रहे 'दीवार' जैसे
पुजारा का नाम अक्सर राहुल द्रविड़ के बाद टेस्ट क्रिकेट में 'नई दीवार' के रूप में लिया जाता रहा है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका जैसी चुनौतियों से भरी परिस्थितियों में लंबी पारियां खेली हैं और भारतीय टीम को मजबूती दी है. उनके बल्ले से निकले रन सिर्फ आंकड़ों में नहीं, बल्कि हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी की यादों में बसे हैं.
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