Bharat 24 Conclave 2025: भारत 24 ने दिल्ली में 'भारत भाग्य निर्माता' विकसित भारत का रोडमैप कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन दिल्ली के ताज मानसिंह होटल में आयोजित किया जा रहा है. भारत 24 के इस खास कार्यक्रम में कई प्रमुख राजनेता पहुंचे. इस कार्यक्रम में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने भी शिरकत की. उन्होंने दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से बताया. कार्यक्रम में डॉ पंकज कुमार सिंह से स्वास्थ्य विभाग के संबंधित कई सवाल पूछे गए. उन्होंने क्या जवाब दिया आइए विस्तार से जानते हैं.
इतने लंबे समय के बाद में आप लोग सत्ता में आए और स्वास्थ्य मंत्रालय ऐसा विभाग है जिसको खुद स्वस्थ होने की जरूरत थी. ऐसा आप लोगों ने कहा. तो अभी किस हद तक आप उसको स्वस्थ कर पाए हैं?
जब हम सत्ता में आए तो स्वास्थ्य का हाल यह था कि उसका ही इलाज करना जरूरी हो गया था. ना दवाइयां थी जो दवाइयां थी वो ब्लैक लिस्टेड थी. डॉक्टर्स काम नहीं कर रहे थे. चार पांच डॉक्टर टोटल हमारे 34 हॉस्पिटल के एमएस बने बैठे थे. लोकल परचेस के नाम पर सिर्फ घोटाले थे. स्कैम ही स्कैम था. मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर स्कैम था. आयुष्मान जैसा हमारे प्रधानमंत्री जी ने जो कार्ड उसको दिल्ली में लागू नहीं होने दिया मोहल्ला क्लीनिक के नाम पे. और हेल्थ के नाम पर डॉक्टर्स 21% स्टाफ की कमी थी.
उसमें डॉक्टर्स, नर्सेज सबके स्टाफ की कमी थी. तो मुझे लगा कि जब मैं हेल्थ मिनिस्टर बना तो पहले स्वास्थ्य का ही स्वास्थ सुधारना पड़ेगा. वह स्टार्ट किया.कि 11 वर्षों में 10 साल के अंदर इस आप सरकार ने जो हमारे यहां के डॉक्टर्स थे उनका उनके ऊपर भी ऐसा टॉर्चर किया कि वो भी काम करने से थोड़ा कतराने लगे. क्योंकि दवाइयां इनके पास होती नहीं थी और यह कहते थे कि वही दवाई लिखो बाहर की लिखनी नहीं है. बहुत सी बातें हुआ करती थी क्योंकि मैं डॉक्टर फ्रेटरनिटी से आता हूं. मेरा सर्कल डॉक्टरों के साथ रहना मिलनाजुलना ज्यादा था.
तो पहले मैंने डॉक्टरों के मेंटल लेवल को सबको सबसे मिलना कि भाई दिल्ली गवर्नमेंट आपके साथ है. बाकी हॉस्पिटल में पेशेंटों को अच्छा इलाज अच्छी दवा मिलने के लिए इसकी तैयारी की जाए और हेल्थ विभाग आज की स्थिति में आज 10 महीने के बाद मैं आपको यह बता सकता हूं कि क्योंकि इसलिए बताऊंगा क्योंकि इस लोकतंत्र के चौथे पिलर मीडिया को माना जाता है. हमने दवाई को सेंट्रल प्रोक्यूमेंट कर लिया और इंडिया में मुझे लगता नहीं है किसी ने भी सेंट्रल प्रोक्यूमेंट कर पाया है जिससे दवाई की गुणवत्ता दवाई अच्छी मिले अच्छी कंपनी की मिले और दवाई कभी कमी ना हो वो उसे हमने लागू कर दिया अब वो हमारी सारी दवाई हॉस्पिटल में 100% अवेलेबल है आप किसी भी हॉस्पिटल में जा सकते हैं जो 21% स्टाफ डॉक्टरों की नर्सेज की कमी थी.
हमने 1300 नर्सों का की जॉइनिंग करवाई. डॉक्टर्स आए. आज सिर्फ 3% स्टाफ की कमी रह गई है. आयुष्मान जन आरोग्य जन आरोग्य मंदिर माफी चाहता हूं. 238 खोल दिए. 100 हम अब अगले दो-ती दिन के अंदर खोलने जा रहे हैं. हेल्थ सेक्टर के ऊपर जो एमआरआई के लिए परेशानियां थी अगले महीने से हमारे 14 एमआरआई 24 सिटी स्कैन हर हॉस्पिटलों में लग जाएंगे. तो मेरा यह मानना है कि गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स और पहली बात सबसे बड़ी बात मैं जो आयुष्मान जन आरोग्य मंदिर की बात आपसे कर रहा हूं. आप जरूर जाइए उसको देखिए.
नाम बदला तो उसके काम भी बदल गए कि नहीं बदल गए अभी तक?
मैं तो कह रहा हूं कि आप लोकतंत्र लोकतंत्र की सबसे बड़ी एक पिलर हैं. आप जाइए और देखिए इन हाउस हम उसके अंदर 90 प्लस टेस्ट करते आएंगे. पेशेंट को बाहर नहीं जाना पड़ता. देखिए दिल्ली में क्योंकि मैं भी गवर्नमेंट जॉब में रहा तो मैंने देखा कि दिल्ली में जो पेशेंट्स सरकारी हॉस्पिटल में आते हैं वो प्राइमरी सुविधा के लिए आते हैं. सर्दी, खांसी, बुखार के 60% पेशेंट वो होते हैं. अगर वो फैसिलिटी उनके आजकल वो सर्दी, खांसी की दवाओं को लेकर बड़ी मिलावट और उसमें हानिकारक तत्व वाली बात सामने आ रही है.
ये लोग ये सुनिश्चित कर पा रहे हैं आप लोग कि ऐसी दवाइयां ना पहुंचे जनता तक. आप इसका इंश्योर रहिएगा कि यह ऐसी कोई भी ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस पर छापा मारा जो अखबारों में भी आया काफी आपने पढ़ा होगा. आई एम श्योर इस पर आप इंश्योर रहिए कि नकली दवाइयों को जब तक मैं हेल्थ मिनिस्टर दिल्ली का रहूंगा उनको दिल्ली में नहीं चलने दूंगा. इस बात की आपको प्रॉमिस करता हूं. और परसों भी हमने एक बहुत बड़ा छापा मारा और यह लगातार दिल्ली में चलेगा. दिल्ली में डुप्लीकेसी ऑफ मेडिसिंस के का यह धांधलेबाजी जब तक मैं हूं हमारी सरकार है यह सब यहां नहीं होगा.
इसकी आप चिंता ना कीजिए. दवाइयां हमारी आप कभी भी चेक कर सकती हैं. जो दवाई हमने अभी सेंट्रल प्रोक्योरमेंट से की है. आपको जानने की खुशी होगी. इससे हमारा गवर्नमेंट का रेवेन्यू भी काफी बचा और अच्छी दवाइयां भी आई हैं. दवाइयां मिल रही है क्या अभी? पब्लिक अपनी तालियों से जरा बताएं. दवाइयां मिल रही है ना लोगों को प्रॉपर? मतलब पब्लिक मोहर लगा रही है तो मैं आपकी बात मान लेती हूं. नहीं मैं तो कह रहा हूं मोहर आप लगाइए. आप जाइए हॉस्पिटल में और चेक कीजिए. पब्लिक शायद मेरी अपने लोग भी होंगे जो नहीं चाह रहे हो कि मेरी में बुराई हो. आप जाइए.
मैंने हमेशा कहा है मीडिया को कि वो खुद जाए और तय करें कि दिल्ली के अंदर जो 10 साल पहले 10 महीने पहले लोग पीने का पानी साफ पीने का पानी रोड हॉस्पिटल ट्रांसपोर्ट जो मूल सुविधा मांगते थे जो उनका हक था वो अब है कि पहले उनकी झूठ की सरकार जिनोंने सिर्फ दिल्ली को झूठे वादे दिए हैं उन्होंने क्या किया था और हमने हमने क्या किया इसमें आपको डिफरेंस दिख जाएगा.
ये तो चलिए जो परेशानियां थी उनको आप लोग दूर कर रहे हैं. लेकिन अभी अस्पतालों में किस तरह के मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं? मतलब किस तरह की परेशानी लोगों को ज्यादा है?
डिफरेंट-डिफरेंट परेशानियां सबकी होती हैं उसको आप डिफाइन नहीं कर सकती हैं. ये कोई वायरल को लेकर आता है. कोई कार्डियक पेशेंट भी आता है. और हमारे हमारे स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल्स हैं. जीबी बंद, एलएनजीपी, दीनदयाल तो डिफरेंट-डिफरेंट कैंसर के पेशेंट्स भी आते हैं. मेंटल डिसऑर्डर के भी पेशेंट्स आते हैं तो तो हर प्रकार के पेशेंट आते आएंगे. नहीं मेरा यह सवाल पूछने का मकसद ये था कि होता क्या है ना जैसे कैंसर के पेशेंट्स बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं.
अभी हम देख रहे हैं कि दमा रोगी बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. तो हमें जब वो आंकड़ा पता होता है तो उस हिसाब से हम आगे की प्लानिंग कर सकते हैं कि ये चैलेंज हमारे लिए बन. देखिए देखिए सर्वाइकल कैंसर पे मेरा काम चल रहा है. सर्वाइ दो काम मेरा बड़ा इंपॉर्टेंट चल रहा है. एक सर्वाइकल कैंसर जो सबसे ज्यादा फैल रहा है. हम उस पे काम कर रहे हैं और उसका अच्छा रिजल्ट आपके बीच में बहुत जल्द आने वाला है कि हम उसके ऊपर कैसे-कैसे हम पहले क्लस्टर में जाएंगे.
हम क्योंकि सर्वाइकल कैंसर एज अ डॉक्टर मुझे लगता है कि जब तक पता चलता है तब तक काफी लेट हो जाता है. हम तो उसके ऊपर हम टेस्ट लेकर आ रहे हैं. एंड एनेमिक के ऊपर एनीमिया के ऊपर भी हम हमने पायलट प्रोजेक्ट चालू कर दियागा और जो स्ट्रेस स्ट्रेस मैनेजमेंट है आजकल आप देखेंगे स्ट्रेस को लेकर काफी लोग परेशान रहते हैं. उस स्ट्रेस मैनेजमेंट को लेकर भी हम काफी काम करने लगे हैं.
अभी एक बड़ी परेशानी आ गई है. सांसों की इमरजेंसी. सांसों की इमरजेंसी पर सरकार से सवाल पूछे जा रहे हैं. क्या-क्या कर रहे हैं आप उसके लिए?
हम आपसे यही कहेंगे कि ये जो 10 साल में बीमारी बनाई गई है, उसको ठीक करने के लिए हमें भी थोड़ा समय चाहिए. इस पे हमारे हम शॉर्ट टर्म प्लान नहीं कर रहे हैं. शॉर्ट टर्म प्लान कभी फायदेमंद नहीं होता. इवन ऑड करने से काम नहीं चलेगा. लाल बत्ती पे खड़े होके किसी गाड़ी को बंद कर दो उससे काम नहीं चलेगा. हम इस पे लॉन्ग टर्म काम कर रहे हैं और ये आपको विश्वास दिलाते हैं कि आने वाले दिनों में यह समस्या जो पोलशंस की समस्या है वो खत्म हो जाएगी.
इसके ऊपर काम चल रहा है क्योंकि ये कैबिनेट का बात है तो यह मैं खुल के आपको नहीं बता सकता हूं. डेफिनेटली सर. तो लेकिन आप यह विश्वास मानिए कि जो जो वादा हमारे प्रधानमंत्री जी ने दिल्ली की जनता को दिया था वह वादा हम उनके सिपाही हैं. वह वादा को जरूर पूरा करेंगे.
प्रदूषण से लोग खुद को कुछ बचाएं क्या? इसके लिए भी अवेयरनेस प्रोग्राम चल रहे हैं. क्या जैसे हमने देखा था कि कोरोना है तो बहुत सारे ऐसी आयुर्वेदिक दवाईएं थी जो लोगों को बताई जा रही थी. अभी प्रदूषण से बचने का भी कुछ लोगों को बताया जा रहा है या कोई ऐसा बेसिक ट्रीटमेंट जो लोगों को बताया जा रहा है क्योंकि लोगों को परेशानी तो हो ही रही है ना अभी?
प्रदूषण से बचने की का इलाज सबको पता है कैसे रखना है अपने आपको मेंटेन पोलशंस के ऊपर ट्रांसपोर्ट डिवीजन मैं अपने ट्रांसपोर्ट डिवीजन की बात जरूर कहूंगा हमने कल के अखबार में भी आपने पढ़ा ही होगा बाहर की गाड़ियों को बंद कर दी बीएस6 आ सकती है पोलशंस के चेकिंग चालू कर दी जाएगी जिससे पोलशन लेवल का पता चले ट्रांसपोर्ट डिवीजंस का पोलशन लेवल ईवी आपके सामने हैं.
ईवी टू हम बहुत जल्दी लाने वाले हैं ईवी पॉलिसी जिससे दिल्ली के अंदर मैक्सिमम इलेक्ट्रिक गाड़ियां हो जाए जिससे जो ट्रांसपोर्ट का पोलशन है वह काफी कंट्रोल में आ जाए. तो यह ईवी पॉलिसी लाने के बाद आपको 4 महीने के अंदर हम कमर्शियल गाड़ियों को बहुत जल्दी इलेक्ट्रिक व्हीकल में कन्वर्ट करना चालू कर देंगे जिससे दिल्ली में पोलशन काफी कंट्रोल होगा.
आपने पीयूसी सर्टिफिकेट कंपलसरी कर दिया. हमने इंजन को लेकर ये कंफर्म कर दिया कि BS4 के इंजन और ये पर्टिकुलर इंजन सिर्फ इन्हीं को एंट्री मिलेगी या इनको इनको बैन किया. अभी डॉक्टर्स के पैनल्स क्या इस पर कुछ डिस्कस कर रहे हैं कि जिन लोगों को काफी कॉम्प्लिकेशंस हो रहे हैं जैसे बुजुर्गों को बच्चों को काफी कॉम्प्लिकेशन हो रहे हैं पोल्यूशन से. तो कुछ इस तरह की मेडिसिंस या कुछ इस तरह पर इस इस लिहाज से कुछ काम हो रहा है क्या कि उसका इफेक्ट कम किया जा सके या जो लोग ज्यादा इफेक्टेड हो गए हैं उनको थोड़ा सा इंप्रूवमेंट मिले सेहत में.
उसमें हर डॉक्टर्स अपने तरीके से एडवाइस कर रहे हैं. सुबह और शाम को ना निकले ये बात की बात सब हमेशा डॉक्टर्स कह रहे हैं. बाकी एस सच आप जैसा कहना चाहते हैं 44 हॉस्पिटल मेरे दिल्ली गवर्नमेंट में हैं. तो मुझे कुछ ऐसी इमरजेंसी ऐसी देखने को नहीं मिली है. बट अगर ऐसी कोई इमरजेंसी आती है तो वी आर रेडी कि कोई रेस्पिरेटरी की अह को लेकर आएगा तो हम उसके लिए तैयार हैं. ऐसा ऐसा हमारे हॉस्पिटल में भी कोई कोई ऐसी चीज़ सामने नहीं आई है. सुबह शाम को अवॉयड मना किया जा रहा है कि उस समय पोलशन लेवल थोड़ा ज्यादा बढ़ जाता है.
इसलिए कि सुबह शाम से थोड़ा बचें. यह ज़रूर जैसे कोरोना में हमने देखा कि एक बड़ी इमरजेंसी आ गई थी. क्योंकि आपने खुद ही जिक्र किया ऑक्सीजन का हमने देखा कि बहुत ममारी हो गई थी. सिलडर्स लोगों को नहीं मिल पा रहे. अगर ऐसी कोई हेल्थ इमरजेंसी इस बार आती है तो क्या दिल्ली तैयार है? आपका महकमा तैयार है. किसी भी तरह की सिचुएशन के लिए सारी सुविधा 200% मेरा हेल्थ महकमा दिल्ली सरकार के हर हॉस्पिटल इस हर चीज के लिए तैयार है. वैसे ऐसा कुछ होने वाला नहीं है. इसमें पैनिकिक होने की होने की वाला विषय कहीं नहीं है. अगर तब भी कोई इमरजेंसी आती है तो हमारा हॉस्पिटल दिल्ली गवर्नमेंट के हॉस्पिटल 100% तैयार है.
लोगों को कैसे आश्वस्त करेंगे कि उनकी सेहत का जिम्मा जो आपके कंधों पर है, वह आप बखूबी निभाएंगे और निभा तो रहे हैं ही.
मैं यही कहूंगा कि कथनी और करनी में अंतर होता है. हम उस नेता के सिपाही हैं जो कहते हैं वो करते हैं. तो हम उनके सिपाही हैं. हम अपने प्रधानमंत्री मेरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सिपाही हैं. तो जो हम कह रहे हैं वो पक्का करेंगे. स्वास्थ्य की समस्या कभी नहीं आएगी. हॉस्पिटल तैयार है. बट तब भी मैं कहूंगा पैनिकिक होने की कोई जरूरत नहीं है. ये पोल्यूशन पुरानी बीमारी थी. ये पिछली सरकारों की कमियों से हुई थी. जी दिल्ली सरकार इस पर सजग है और बहुत जल्दी कंट्रोल में कर लेगी.
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