Pakistani Fishermen Arrested: देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगी सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक बार फिर चौकसी और सतर्कता का परिचय देते हुए दो अलग-अलग सीमाई इलाकों में बड़ी कार्रवाइयां की हैं. जहां गुजरात के कोरी क्रीक क्षेत्र में 15 पाकिस्तानी मछुआरों को एक इंजन से चलने वाली संदिग्ध नाव के साथ हिरासत में लिया गया, वहीं पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में बीएसएफ ने बांग्लादेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को भारतीय सीमा में घुसते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत की सीमाओं पर खतरे कई रूपों में मौजूद हैं, चाहे वह अवैध मछली पकड़ने की आड़ में हो या फिर गुप्त घुसपैठ की कोशिश के रूप में.
गुजरात में कोरी क्रीक से पकड़े गए 15 पाकिस्तानी मछुआरे
बीएसएफ की 68वीं और 176वीं बटालियन तथा वाटर विंग ने शनिवार को एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन में कोरी क्रीक इलाके में बीबीके बॉर्डर आउटपोस्ट के पास एक इंजन वाली देशी नाव को रोका गया, जिसमें सवार 15 पाकिस्तानी मछुआरे भारत में अवैध रूप से प्रवेश की कोशिश कर रहे थे.
यह कार्रवाई बीएसएफ की गश्ती नौकाओं और स्थानीय खुफिया जानकारी की मदद से की गई. इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यह ऑपरेशन खासा चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन सतर्कता और सूझबूझ से बीएसएफ ने घुसपैठ को विफल कर दिया.
पश्चिम बंगाल में पकड़ा गया बांग्लादेशी पुलिस अधिकारी
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में हकीमपुर बॉर्डर पोस्ट के पास बीएसएफ ने शाम 6 से 7 बजे के बीच एक संदिग्ध व्यक्ति को रोका, जिसकी तलाशी लेने पर उसके पास से बांग्लादेश पुलिस का परिचय पत्र मिला.
पहली नजर में यह सामान्य घुसपैठ लग सकती थी, लेकिन जब यह सामने आया कि वह व्यक्ति एक सीनियर बांग्लादेशी पुलिस अधिकारी है, तो मामला और गंभीर हो गया. फिलहाल उसे पूछताछ के लिए राज्य पुलिस के हवाले कर दिया गया है, और जांच चल रही है कि वह किसी व्यक्तिगत मकसद से आया था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है.
सुरक्षा की जटिल चुनौती
भारत और बांग्लादेश के बीच की सीमा करीब 4,096 किलोमीटर लंबी है, और यह दुनिया की सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में से एक मानी जाती है. सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही लगभग 2,217 किमी सीमा फैली हुई है, जिससे यह इलाका तस्करी, घुसपैठ और आपराधिक गतिविधियों के लिए हाई-रिस्क ज़ोन बन जाता है. खासकर उत्तर 24 परगना जिला—जहां घनी आबादी, नदी-किनारे की भौगोलिक स्थिति और शहरी इलाकों से निकटता इसे और भी संवेदनशील बनाती है.
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