'नहीं देखी ब्रह्मोस की ताकत तो पूछ लेना पूछ लेना पाकिस्तान से', लखनऊ में CM योगी का बड़ा बयान

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश की सामरिक क्षमताओं को नई ऊंचाई देने वाला एक बड़ा कदम उठाया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का वर्चुअल उद्घाटन किया.

    Brahmos Power seen in operation sindoor ask from pakistani cm yogi remark on operation sindoor
    Image Source: ANI

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश की सामरिक क्षमताओं को नई ऊंचाई देने वाला एक बड़ा कदम उठाया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का वर्चुअल उद्घाटन किया. यह अत्याधुनिक यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है और हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण करेगी.

    इस अवसर पर लखनऊ में मौजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस परियोजना को राज्य और देश की सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा, “हमने ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के लिए 200 एकड़ ज़मीन दी है. अब इस भूमि पर भारत की सबसे घातक मिसाइल का निर्माण शुरू हो चुका है. यह हमारे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की बड़ी उपलब्धि है.”

    ब्रह्मोस की नई पीढ़ी होगी और भी घातक

    नई यूनिट में नेक्स्ट जेनरेशन ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण किया जाएगा, जिनकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर से अधिक होगी और वजन वर्तमान मिसाइलों की तुलना में काफी कम (1290 किलोग्राम) होगा. इससे ये मिसाइलें ज्यादा तेज़ और कुशल होंगी. इनका इस्तेमाल सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों से एक के बजाय तीन मिसाइलें एक साथ ले जाने के लिए किया जा सकेगा.

    ‘ब्रह्मोस’ बना आतंकवाद पर करारा जवाब

    सीएम योगी ने कहा, “आतंकवाद कुत्ते की पूंछ की तरह है, जो सीधी नहीं होती. उसका जवाब उसी की भाषा में देना ज़रूरी है और ब्रह्मोस मिसाइल इसका प्रतीक बन चुकी है. अगर किसी को इसकी ताकत समझनी है, तो हालिया ऑपरेशन सिंदूर की गूंज पाकिस्तान से पूछ सकता है. उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब हर आतंकवादी कार्रवाई को युद्ध की तरह लिया जाएगा, और जब तक आतंकवाद को जड़ से कुचला नहीं जाएगा, तब तक भारत पीछे नहीं हटेगा.

    रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में बड़ी छलांग

    ₹300 करोड़ की लागत से तैयार यह यूनिट तीन साल में पूरी की गई है. यह भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित मिसाइलों का निर्माण करेगी. ब्रह्मोस मिसाइलें जमीन, हवा और समुद्र तीनों माध्यमों से लॉन्च की जा सकती हैं और ये ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक पर आधारित हैं, यानी एक बार लॉन्च करने के बाद यह लक्ष्य का पीछा खुद करती है.

    स्टेट-ऑफ-द-आर्ट मटेरियल प्लांट और परीक्षण सुविधा की भी शुरुआत कार्यक्रम के दौरान दो अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं की भी शुरुआत की गई. टाइटेनियम और सुपर अलॉय मटेरियल प्लांट – एयरोस्पेस और रक्षा निर्माण में इस्तेमाल होने वाले रणनीतिक मैटेरियल का उत्पादन करेगा. डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) – रक्षा उपकरणों के परीक्षण और सर्टिफिकेशन के लिए उपयोग में आएगा.

    यूपी डिफेंस कॉरिडोर का विस्तार

    लखनऊ के अलावा, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट को यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में नोड के रूप में चुना गया है. इन क्षेत्रों का उद्देश्य निजी और सार्वजनिक रक्षा निवेश को आकर्षित करना है. तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा कॉरिडोर स्थापित करने वाला देश का दूसरा राज्य है.
     

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