ब्रह्मोस मिसाइल रोकने की क्षमता नहीं... पाकिस्तान के ही अधिकारी ने खोल दी मुनीर की पोल, घिघियाने लगेगा शहबाज!

    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना की एक निर्णायक कार्रवाई ने पड़ोसी मुल्क की रक्षा तैयारियों की पोल खोल दी है.

    Brahmos missile Pakistan officer exposed Munir Shehbaz
    ब्रह्मोस मिसाइल | Photo: ANI

    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना की एक निर्णायक कार्रवाई ने पड़ोसी मुल्क की रक्षा तैयारियों की पोल खोल दी है. 7 मई को भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस कार्रवाई ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दर्शाया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारतीय सेना अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपना रही है.

    जब पाकिस्तानी सेना ने पलटवार करने की कोशिश की, तो भारतीय वायुसेना ने न सिर्फ उसे नाकाम किया, बल्कि जवाबी हमले में पाकिस्तानी एयरबेस पर सटीक बमबारी कर उसकी सैन्य क्षमताओं को करारा झटका दिया. यह कार्रवाई पूरी तरह से योजनाबद्ध और तकनीकी रूप से उन्नत हथियारों की मदद से की गई, जिनमें प्रमुख था भारत का घातक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल — ब्रह्मोस-ए.

    पाकिस्तान की रडार से भी तेज ब्रह्मोस

    भारतीय वायुसेना द्वारा इस्तेमाल की गई हवा से दागी जाने वाली ब्रह्मोस-ए मिसाइल ने पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. इसकी गति (माक 2.8 से अधिक), बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता और 400 किमी से अधिक की मारक सीमा इसे बेहद खतरनाक बनाती है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि भारतीय लड़ाकू विमान दुश्मन के हवाई क्षेत्र में दाखिल हुए बिना भी महत्वपूर्ण ठिकानों को ध्वस्त कर सकते हैं.

    पाकिस्तानी विशेषज्ञों की स्वीकारोक्ति

    पाकिस्तान के प्रमुख रक्षा विश्लेषकों जैसे कि इकरामुल्लाह भट्टी और पूर्व एयर कोमोडोर आदिल सुल्तान ने हाल ही में एक टेलीविज़न चर्चा के दौरान माना कि पाकिस्तान के पास फिलहाल कोई ऐसी वायु रक्षा प्रणाली नहीं है जो ब्रह्मोस जैसी मिसाइल को बीच में ही रोक सके. भट्टी ने स्पष्ट रूप से कहा, “हमारे पास इस वक्त कोई भी ऐसा सिस्टम नहीं है जो ब्रह्मोस को इंटरसेप्ट कर सके. इसकी गति और कम ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता इसे लगभग अदृश्य बना देती है.”

    आदिल सुल्तान ने भी कहा कि ब्रह्मोस जैसी मिसाइल एक बार लॉन्च हो जाए तो उसे रोकने के विकल्प बहुत सीमित होते हैं. यह स्वीकारोक्ति पाकिस्तान की रक्षा नीति में एक गंभीर खामी की ओर संकेत करती है.

    भारत को सतर्क रहने की भी ज़रूरत

    जहां एक ओर यह भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक बढ़त को दर्शाता है, वहीं विशेषज्ञ यह भी आगाह करते हैं कि पाकिस्तान निकट भविष्य में अपनी रक्षा प्रणाली को अपग्रेड कर सकता है. इसलिए भारत को भी आत्मसंतुष्ट हुए बिना सतर्क रहना चाहिए और अपनी क्षमताओं को लगातार बेहतर बनाते रहना चाहिए.

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