इस्लामाबाद/बलूचिस्तान: पाकिस्तान का अशांत बलूचिस्तान प्रांत एक बार फिर हिंसा की चपेट में है. यहां सक्रिय उग्रवादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हाल ही में एक साथ कई जिलों में हमले कर पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है. इन हमलों में कम से कम 8 सैनिकों के मारे जाने और दर्जनों के घायल होने की खबर है. इसके अलावा सुरक्षा बलों के कई वाहन नष्ट कर दिए गए हैं. इन हमलों ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है, जो पहले से ही बलूचिस्तान में बिगड़ती स्थिति को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं.
बलूच लिबरेशन आर्मी ने एक बयान जारी कर बताया कि उनके लड़ाकों ने बलूचिस्तान के पंजगुर, कच्छी, क्वेटा, जीवानी, खरान, बुलेदा और दलबंदिन जिलों में अलग-अलग हमले किए हैं. इन हमलों में उन्होंने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के काफिलों, पुलिस गश्ती दलों और रसद वाहनों को निशाना बनाया. हमलों में रिमोट कंट्रोल बम, ग्रेनेड और सीधे फायरिंग का इस्तेमाल किया गया.
बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य पाकिस्तानी सेना और राज्य संस्थानों की उपस्थिति को चुनौती देना और बलूच जनता के अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाना है.
सबसे बड़ा हमला पंजगुर में, छह जवान मारे गए
इन हमलों में सबसे गंभीर हमला बलूचिस्तान के पंजगुर जिले के पारोम क्षेत्र में हुआ, जहां BLA के लड़ाकों ने एक पाकिस्तानी सैन्य वाहन को रिमोट कंट्रोल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से निशाना बनाया. यह हमला उस समय हुआ जब सुरक्षा बलों का काफिला एक चौकी से रवाना हो रहा था. विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि मौके पर ही 6 सैनिकों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले में कई सैन्य वाहन पूरी तरह नष्ट हो गए.
रेलवे ट्रैक पर बम निरोधक दस्ते पर हमला
एक अन्य हमले में BLA ने कच्छी जिले के कोलपुर इलाके में गश्त कर रहे एक बम निरोधक दस्ते पर हमला कर दिया, जिसमें एक और सैनिक की जान चली गई. यह हमला रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह रेलवे लाइनों को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया गया था.
पुलिसकर्मियों से छीनी गई राइफलें
क्वेटा के मियां घुंडी इलाके में BLA के लड़ाकों ने गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों को कुछ समय के लिए बंधक बना लिया. बाद में उन्हें बिना नुकसान पहुंचाए छोड़ दिया गया, लेकिन तीन कलाश्निकोव राइफलें जब्त कर ली गईं, जो संगठन के बढ़ते आत्मविश्वास और योजनाबद्ध रणनीति को दर्शाता है.
जीवानी में सैन्य कैंप पर ग्रेनेड हमला
ग्वादर जिले के जीवानी क्षेत्र में बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना के एक अस्थायी कैंप पर ग्रेनेड हमला किया. हालांकि इस हमले में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह एक और संकेत है कि विद्रोही अब सेना के स्थाई और अस्थायी ठिकानों को भी खुलेआम निशाना बना रहे हैं.
खुफिया एजेंसी के लिए मुखबिरी का आरोप
21 अगस्त को BLA के लड़ाकों ने खरान जिले में एक व्यक्ति की हत्या कर दी. संगठन ने दावा किया कि वह व्यक्ति पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए मुखबिरी करता था. यह घटना इलाके में खुफिया नेटवर्क को कमजोर करने की एक कोशिश के तौर पर देखी जा रही है.
सप्लाई ट्रकों पर भी हमले
23 अगस्त को केच जिले के बुलेदा इलाके में विद्रोहियों ने सेना के तीन सप्लाई ट्रकों और एक क्रेन को विस्फोटकों से उड़ा दिया. इसी तरह दलबंदिन में भी कई रसद ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया. इन घटनाओं से यह साफ है कि विद्रोही सेना की आपूर्ति श्रृंखला को भी बाधित करने में जुटे हुए हैं.
मुनीर की रणनीति पर सवाल
इन हमलों के बाद पाकिस्तान की सेना और विशेषकर सेना प्रमुख असीम मुनीर की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं. जहां एक ओर मुनीर वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की स्थिति को बेहतर बताने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं बलूचिस्तान में जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. यहां सेना के जवानों का मनोबल टूटता नजर आ रहा है और वे बलूचिस्तान में तैनाती से बचना चाह रहे हैं.
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