जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने जिस तेज़ और निर्णायक कार्रवाई का परिचय दिया, उसने न सिर्फ आतंकी नेटवर्क को झटका दिया बल्कि पाकिस्तान को भी करारा सबक सिखाया. ऑपरेशन सिंदूर के नाम से चलाए गए इस सैन्य अभियान में भारतीय बलों ने पाकिस्तान में छिपे 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया और करीब 100 आतंकियों को ढेर कर दिया.
बीजेपी निकालेगी तिरंगा यात्रा
भारत की इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने जब पलटवार किया, तो भारतीय सुरक्षा बलों ने एक बार फिर कड़ा जवाब देकर दुश्मन को उसकी हैसियत दिखा दी. इस सैन्य सफलता के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रवादी भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की योजना तैयार की है. पार्टी ने 13 मई से 23 मई तक देशभर में "तिरंगा यात्रा" आयोजित करने का फैसला लिया है.
जानें बीजेपी की तिरंगा यात्रा का उद्देश्य
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई में रविवार देर रात दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में एक अहम बैठक हुई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, और अन्य शीर्ष नेताओं ने भाग लिया. बैठक का मुख्य उद्देश्य था – ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को सही परिप्रेक्ष्य में देशवासियों तक पहुंचाना और राष्ट्रीय भावना को और मजबूत करना.
10 दिवसीय तिरंगा यात्रा में ये खास बातें रहेंगी
इस तिरंगा यात्रा का नेतृत्व पूर्व सैनिकों, समाजसेवियों और स्थानीय प्रभावशाली लोगों के हाथों में रहेगा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री आयोजन के समन्वयक रहेंगे लेकिन मंच पर आम जनता की सहभागिता प्राथमिक होगी. बता दें कि देशभर में रैली, जनसभा, कॉर्नर मीटिंग्स और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित होंगी. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के जरिए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को हाईलाइट किया जाएगा.
सूत्रों की मानें तो पार्टी इस यात्रा को सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रम तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि इसे एक राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन का रूप देना चाहती है, जिससे हर नागरिक को देश की सुरक्षा और सेनाओं की उपलब्धियों पर गर्व महसूस हो.
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