भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सीजफायर के बाद केंद्र सरकार अब रणनीतिक मोर्चे पर सतर्कता बरत रही है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दो महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन होने जा रहा है. पहले कैबिनेट बैठक, फिर उसके तुरंत बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक होगी. ये दोनों बैठकें न केवल जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात की समीक्षा करेंगी, बल्कि भविष्य की रणनीति पर भी व्यापक मंथन करेंगी.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम हमले के बाद हालात पर मंथन
सूत्रों के मुताबिक, CCS की बैठक में 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद की सुरक्षा रणनीति, पहलगाम आतंकी हमले की जांच, और सीजफायर के बाद सीमा पर बने हालात पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. यह बैठक इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि पहलगाम हमले के बाद यह तीसरी बार CCS का गठन हो रहा है.
पहली दो बैठकों में पहले हमले के दोषियों पर कार्रवाई और फिर कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा हुई थी. इसके बाद तीनों सेनाओं ने संगठित अभियान चलाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिससे आतंकियों और उनके मददगारों को बड़ा झटका लगा.
PM मोदी के साथ शीर्ष सुरक्षा अधिकारी होंगे शामिल
कैबिनेट बैठक में सभी वरिष्ठ मंत्री हिस्सा लेंगे, जबकि CCS बैठक में प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल मौजूद रहेंगे. इसके अलावा, रक्षा, गृह और विदेश मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे. माना जा रहा है कि बैठक में इंटेलिजेंस इनपुट्स और ग्राउंड रिपोर्ट्स के आधार पर कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
सीजफायर के बाद की सुरक्षा रणनीति पर फोकस
सीमा पर तनाव कम होने के बावजूद सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे को लेकर सतर्क हैं. ऐसे में CCS की बैठक में यह तय किया जा सकता है कि पाकिस्तान को कूटनीतिक या सैन्य स्तर पर अगला जवाब किस प्रकार दिया जाए. साथ ही, जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए अधिक संगठित और आक्रामक अभियान चलाने पर भी चर्चा हो सकती है.
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