कोलकाता के साल्टलेक स्थित विकास भवन के बाहर गुरुवार को उस समय हालात बिगड़ गए जब हजारों की संख्या में जुटे बेरोजगार शिक्षक अपनी पुरानी नौकरियों की बहाली की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए. दोपहर से शुरू हुआ यह प्रदर्शन देर रात हिंसक रूप ले बैठा, जब पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें आईं और एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया.
एसएससी नौकरियों की बहाली की मांग
प्रदर्शनकारी 25,735 रद्द की गई एसएससी नौकरियों की बहाली की मांग कर रहे थे. इन शिक्षकों की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रद्द कर दी गई थीं, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की बात सामने आई थी. आंदोलनकारियों का कहना है कि वे पहले से चयनित और योग्य हैं, इसलिए उन्हें दोबारा परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है.
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे महबूब मंडल और चिन्मय मंडल ने स्पष्ट किया कि जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं सामने आकर कोई ठोस आश्वासन नहीं देतीं, आंदोलन जारी रहेगा. प्रदर्शनकारियों ने विकास भवन का घेराव किया और कुछ लोगों ने कथित तौर पर मुख्य गेट तोड़कर भवन के अंदर प्रवेश किया, जिससे वहां मौजूद कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई.
भाजपा ने कड़ी निंदा की
घटना के दौरान बिधाननगर नगर निगम के चेयरमैन सब्यसाची दत्ता जब मौके पर पहुंचे, तो उन्हें भी विरोध का सामना करना पड़ा. गुस्साए प्रदर्शनकारी उनकी कार के सामने लेट गए, जिन्हें बाद में पुलिस ने हटाया.
हालात बेकाबू होते देख रात करीब 8 बजे पुलिस ने बल प्रयोग किया और लाठीचार्ज शुरू कर दिया. कई प्रदर्शनकारियों को सिर और पैरों में गंभीर चोटें आईं. पुलिस के इस कदम की विपक्षी दल भाजपा ने कड़ी निंदा की है और ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठाए हैं.
Scene from Vikas Bhawan, Bidhannagar, Kolkata.
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 15, 2025
In a horrifying display of brutality, the state police launched a violent lathi-charge. One woman teacher was beaten so severely that her leg was broken; another sustained a head injury. Both lay on the ground, crying out in pain,… pic.twitter.com/Do1pe2DLZT
इससे पहले भी राज्य के कई हिस्सों में इसी मुद्दे को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं. अदालत में मामला फिलहाल लंबित है, लेकिन कोर्ट ने यह साफ किया है कि जिन शिक्षकों को “योग्य” माना गया है, वे फिलहाल अपनी सेवाएं जारी रख सकते हैं और उन्हें वेतन भी मिलेगा.
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