'...नदी में खून बहेगा', PAK के पूर्व विदेश मंत्री ने भारत को जंग के लिए लगाई ललकार

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान को लेकर सख्त रुख अपनाए जाने पर पड़ोसी मुल्क में बौखलाहट साफ झलकने लगी है. इसी क्रम में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के खिलाफ तीखा हमला बोलते हुए विवादित बयान दिया है.

    Bilawal Singh Bhutto Controversial Remark demand of proof of pahalgam attack
    File Image Source ANI

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान को लेकर सख्त रुख अपनाए जाने पर पड़ोसी मुल्क में बौखलाहट साफ झलकने लगी है. इसी क्रम में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के खिलाफ तीखा हमला बोलते हुए विवादित बयान दिया है. बिलावल ने चेतावनी दी कि अगर भारत सिंधु जल संधि को तोड़ने की कोशिश करता है, तो "नदी में खून बहेगा."

    ‘सबूत हैं तो दिखाओ, नहीं तो इल्ज़ाम बंद करो’

    सिंध प्रांत के मीरपुर खास में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा कि भारत पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान पर झूठे आरोप मढ़ रहा है. उन्होंने चुनौती दी कि अगर भारत के पास कोई पुख्ता सबूत है तो वह सार्वजनिक करे, वरना बेबुनियाद आरोप लगाना बंद करे. साथ ही भारत को सीधे चेतावनी देते हुए कहा, “अगर आप एकतरफा तरीके से सिंधु जल समझौता तोड़ने की कोशिश करेंगे, तो फिर नदी में पानी नहीं, खून बहेगा.”

    ‘गुजरात का कसाई’ कहकर की पीएम मोदी की आलोचना

    बिलावल भुट्टो ने इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की और उन्हें ‘गुजरात का कसाई’ कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा, “हम सिंधु नदी को गुजरात के कसाई के हाथों मरने नहीं देंगे. पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अपनी सरजमीं और हक के लिए हम पीछे नहीं हटेंगे.”

    सिंधु जल समझौता: भारत की चेतावनी से पाकिस्तान में बेचैनी

    बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाने की घोषणा की है. इन्हीं में एक बड़ा कदम है, सिंधु जल संधि से बाहर आने पर विचार. इसके बाद से पाकिस्तान के सियासी गलियारों में हलचल मच गई है और नेताओं की ओर से आक्रामक बयानबाजी शुरू हो गई है.

    क्या है सिंधु जल समझौता?

    सिंधु जल समझौता, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक ऐतिहासिक जल समझौता है, जिसे विश्व बैंक की मध्यस्थता में तैयार किया गया था. इस संधि के तहत सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी का अधिकार पाकिस्तान को दिया गया, जबकि रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का नियंत्रण भारत को मिला. यह समझौता अब तक भारत-पाक के बीच जारी तनाव और युद्धों के बावजूद लागू रहा है. लेकिन अब भारत ने संकेत दिए हैं कि वह इस संधि की समीक्षा कर सकता है, खासकर तब जब पाकिस्तान की जमीन से भारत पर आतंकी हमले हो रहे हैं.

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