पाकिस्तान ने अपनी सीमाओं पर बढ़ते तनाव और भारत के साथ संभावित सैन्य टकराव की आशंका के मद्देनजर अपनी सैन्य तैयारियों को और सुदृढ़ कर लिया है. विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव में वृद्धि हुई है, जिससे पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा रणनीतियों को और मजबूत किया है.
पाकिस्तान की सैन्य तैयारियां
पाकिस्तान ने अपनी सीमाओं पर भारतीय हमलों का मुकाबला करने के लिए विभिन्न सैन्य उपायों को लागू किया है. सैन्य तैनाती में वृद्धि: पाकिस्तान ने अपनी सीमाओं पर एयर डिफेंस और तोपखाने की यूनिट्स को तैनात किया है, जिससे वह किसी भी संभावित हमले का सामना करने के लिए तैयार है. युद्धाभ्यास: पाकिस्तान की वायुसेना ने 'फिज़ा-ए-बद्र', 'ललकार-ए-मोमिन' और 'जर्ब-ए-हैदरी' जैसे युद्धाभ्यासों की योजना बनाई है, जिसमें F-16, J-10 और JF-17 जैसे प्रमुख लड़ाकू विमानों का उपयोग किया जाएगा. चीनी SH-15 हॉवित्जर की तैनाती: पाकिस्तान ने चीन से प्राप्त SH-15 हॉवित्जर तोपों को नियंत्रण रेखा (LoC) के पास तैनात किया है. ये तोपें 155 मिमी/52-कैलिबर की स्वचालित, व्हीकल-माउंटेड तोपें हैं, जो 20 किमी से 53 किमी तक की रेंज में सटीक हमले करने में सक्षम हैं.
SH-15 हॉवित्जर की विशेषताएं
SH-15 हॉवित्जर की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं. रेंज और सटीकता: यह तोप 20 किमी से 53 किमी तक की दूरी पर सटीक हमले करने में सक्षम है. इसमें डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम और GPS-निर्देशित गोला-बारूद की सुविधा है, जो सटीकता को बढ़ाती है. मोबिलिटी: इस तोप को 6×6 शानक्सी ट्रक के चेसिस पर फिट किया गया है, जिससे यह पहाड़ी और जटिल इलाकों में भी प्रभावी रूप से कार्य कर सकती है. 'शूट एंड स्कूट' क्षमता: इसकी 'शूट एंड स्कूट' रणनीति के तहत यह तोप गोली दागने के बाद तुरंत अपनी स्थिति बदल सकती है, जिससे दुश्मन के लिए इसका पता लगाना और प्रतिक्रिया देना कठिन हो जाता है.
भारत की आर्टिलरी क्षमता मजबूत
भारत ने पाकिस्तान की इन सैन्य तैयारियों का जवाब देने के लिए अपनी आर्टिलरी क्षमता को मजबूत किया है K-9 वज्र तोपों की तैनाती: भारत ने अपनी K-9 वज्र (K9-Vajra) स्व-चालित हॉवित्जर तोपों की तैनाती की है, जो 50 किमी तक की दूरी पर सटीक हमले करने में सक्षम हैं. ये तोपें प्रति मिनट 6-8 गोले दागने की क्षमता रखती हैं, जिससे भारतीय सेना की आर्टिलरी क्षमता में वृद्धि हुई है. पिनाका रॉकेट सिस्टम और ड्रोन निगरानी: भारत ने पिनाका रॉकेट सिस्टम और ड्रोन निगरानी तंत्र को भी सक्रिय किया है, जिससे सीमा पर किसी भी गतिविधि की तत्काल जानकारी प्राप्त की जा सकती है और त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सकती है.
दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य तनाव और तैयारियाँ इस बात का संकेत हैं कि यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती है, तो यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकती है. इसलिए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का यह दायित्व बनता है कि वह दोनों देशों के बीच संवाद और कूटनीतिक प्रयासों को प्रोत्साहित करे, ताकि किसी भी प्रकार की सैन्य टकराव से बचा जा सके.
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