पहली बार एशिया रग्बी U-20 चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा बिहार , 9 देशों की टीमें लेंगी हिस्सा

    Asia Rugby U-20 Championshop 2025: बिहार की धरती अब सिर्फ इतिहास और संस्कृति की पहचान नहीं रही, अब यह खेलों के वैश्विक नक्शे पर भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने को तैयार है.

    Bihar will host Asia Rugby U-20 Championship 2025 for the first time
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    Asia Rugby U-20 Championship 2025: बिहार की धरती अब सिर्फ इतिहास और संस्कृति की पहचान नहीं रही, अब यह खेलों के वैश्विक नक्शे पर भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने को तैयार है. राजगीर 2025 में एशिया रग्बी अंडर-20 चैंपियनशिप की मेज़बानी करेगा, और यह आयोजन केवल एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि राज्य के खेल भविष्य का उद्घोष है.

    गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'संकल्प', 1 अणे मार्ग, पटना में इस बहुप्रतीक्षित टूर्नामेंट के लोगो और शुभंकर 'अशोक' का अनावरण किया. इस मौके पर उन्होंने गर्व से कहा, “यह न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए सम्मान की बात है कि हम एशिया रग्बी जैसे प्रतिष्ठित आयोजन की मेज़बानी कर रहे हैं.”

    9 देशों की टीमें, दो दिन का जबर्दस्त मुकाबला

    9-10 अगस्त 2025 को आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट में भारत सहित 9 देशों की टीमें हिस्सा लेंगी. इनमें चीन, हांगकांग, यूएई, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, मलेशिया (पुरुष) और नेपाल (महिला) शामिल हैं. कुल मिलाकर 8 पुरुष व 8 महिला टीमें राजगीर में अपनी रग्बी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी. टीमें 7 अगस्त से राजगीर पहुंचेंगी और 8 अगस्त को कबड्डी हॉल में उद्घाटन समारोह का आयोजन होगा.

    तेज़, फुर्तीला और प्रेरणादायक

    इस टूर्नामेंट का शुभंकर ‘अशोक’ एक तेज़, फुर्तीला खरगोश है, जिसे सम्राट अशोक से प्रेरणा लेकर डिज़ाइन किया गया है. इसका कवच और रग्बी बॉल बिहार की नई खेल नेतृत्व क्षमता को दर्शाते हैं. शुभंकर, अनुशासन, संकल्प और रणनीति जैसे गुणों का प्रतीक है. वहीं, लोगो में प्रयुक्त नीला, हरा और मिट्टी रंग बिहार की प्राकृतिक विविधता, सांस्कृतिक गहराई और जीवन ऊर्जा को रेखांकित करता है.

    खेलों के माध्यम से नया बिहार

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “रग्बी जैसे खेल अब बिहार के युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. हमारा उद्देश्य है कि राज्य को खेलों का हब बनाएं और युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करें.” इस आयोजन के लिए सरकार ने ₹4.08 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और रोजगार को गति मिलेगी, बल्कि युवाओं में खेल संस्कृति का नया उत्साह भी पैदा होगा.

    राहुल बोस की मौजूदगी, खिलाड़ियों को बढ़ावा

    इस आयोजन में रग्बी इंडिया के अध्यक्ष और पूर्व अभिनेता राहुल बोस भी शामिल हुए. उन्होंने कहा, “बिहार की खेल अधोसंरचना में तेजी से सुधार हो रहा है, और रग्बी जैसे खेलों के प्रति राज्य का समर्पण प्रेरणादायक है.” रग्बी इंटरनेशनल एथलीट आरती सिन्हा और गौरव कुमार ने भी मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह और पुस्तक भेंट की.

    बिहार की रग्बी में छलांग

    बिहार को यह आयोजन यूं ही नहीं मिला, पिछले वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार की महिला टीम ने रजत पदक, जबकि स्कूल गेम्स में कई वर्गों में चैंपियनशिप अपने नाम की है. यह चैंपियनशिप न सिर्फ खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय exposure देगी, बल्कि राज्य में रग्बी की नींव को और मजबूत करेगी. 

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