Mata Sita Temple: राम मंदिर की भव्यता अब सीता मंदिर की गरिमा से संतुलित होने जा रही है. माता सीता की जन्मस्थली, बिहार के सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम में शीघ्र ही एक ऐतिहासिक अध्याय लिखा जाने वाला है. देश की सांस्कृतिक चेतना और जन आस्था का प्रतीक बनने जा रहा है माता सीता का भव्य मंदिर. यह सिर्फ एक मंदिर नहीं होगा, बल्कि भारतीय सभ्यता, नारी गरिमा और रामायण कालीन परंपराओं की जीती-जागती झलक होगा.
गृह मंत्री अमित शाह करेंगे शिलान्यास
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जानकारी दी है कि 8 अगस्त को देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह स्वयं पुनौरा धाम पहुंचकर इस मंदिर के निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे. यह अवसर पूरे भारत के लिए गौरव और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा हुआ क्षण होगा.
सीता मंदिर क्यों होगा खास?
नित्यानंद राय के अनुसार, यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक संरचना नहीं, बल्कि मां सीता की त्याग, शक्ति और मर्यादा का प्रतीक बनेगा. यह मंदिर भारतीय नारी शक्ति का एक जीवंत उदाहरण होगा. रामायण की मूल आत्मा जनकनंदिनी को अब वैसी ही भव्यता और सम्मान मिलने जा रहा है, जैसी राम मंदिर को अयोध्या में मिली है. यह मंदिर देश की सांस्कृतिक विरासत को संजोने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की अहम कड़ी बनेगा.
शिलान्यास समारोह में होंगे ये विशिष्ट अतिथि
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में न केवल देश के गृह मंत्री भाग लेंगे, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. कार्यक्रम को लेकर पूरे इलाके में उत्साह है, और देशभर के श्रद्धालुओं की निगाहें इस दिन पर टिकी हुई हैं.
जहां धरती पर उतरी थीं जनकनंदिनी
पुनौरा धाम, वह पावन स्थान है जहाँ राजा जनक को हल चलाते समय माता सीता मिली थीं. हालांकि जनकपुर (नेपाल) को सीता का मायका माना जाता है, परंतु सीतामढ़ी के पुनौरा गांव को ही माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है. यहां पहले से ही एक मंदिर स्थापित है, जहां हज़ारों श्रद्धालु हर साल दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन अब यह स्थल भव्य मंदिर निर्माण के साथ एक वैश्विक धार्मिक केंद्र बनने जा रहा है.
भावनाओं से जुड़ा क्षण, आस्था से भरी शुरुआत
भारतवासियों के लिए यह पल गर्व का है. यह सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि सीता-स्मृति का राष्ट्रीय स्मारक बनेगा. यह स्थल भावनाओं का संगम होगा, जहां देश की बेटियां खुद को देवी सीता के रूप में सम्मानित महसूस करेंगी. अब वह समय आ गया है, जब रामायण की नायिका को उनकी जन्मभूमि पर वह पहचान और भव्यता मिलने जा रही है, जिसकी वह सदियों से अधिकारी रही हैं.
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश के मिला चाइनीज माल से धोखा, फाइटर जेट से लेकर मिसाइल तक सब हो रहे फेल