भारत 24 के ग्रीन एनर्जी समिट और विकसित भारत कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने देश की विरासत, पर्यटन, आर्थिक प्रगति और वैश्विक दृष्टिकोण पर विस्तार से बात की. उन्होंने बेबाकी से न सिर्फ केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं बल्कि यह भी बताया कि आने वाले वर्षों में भारत किस तरह दुनिया का प्रमुख टूरिज्म हब बन सकता है.
प्रश्नः महाराष्ट्र के 12 किले यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल हुए हैं. यह कितनी बड़ी उपलब्धि है?
उत्तर: धन्यवाद. यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सोच का ही परिणाम है कि हम “विरासत का संरक्षण भी करें और विकास भी.” पिछले 11 वर्षों में भारत ने इस दिशा में बहुत गंभीर प्रयास किए हैं. मराठा काल के ये किले, जो उस समय भारत की सुरक्षा और मराठा साम्राज्य की शान थे, अब पूरी दुनिया की धरोहर बन गए हैं. यह सिर्फ एक राज्य की नहीं, पूरे भारत की उपलब्धि है.
यही नहीं, भारत को हर वर्ष केवल एक ही नॉमिनेशन भेजने का अधिकार होता है, फिर भी लगातार तीन साल तक भारत के नॉमिनेशन यूनेस्को की सूची में शामिल हुए हैं. इससे पहले असम के मोइदाम्स और हिमाचल के होयसला मंदिरों को सूचीबद्ध किया गया. 11 साल में कुल 14 भारतीय स्थलों को यह गौरव मिला है.
पिछले साल जब भारत में ही वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की बैठक हुई थी, तब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत ने ऐसे गरीब देशों की मदद के लिए यूनेस्को को 1 मिलियन डॉलर का फंड भी दिया ताकि वे भी अपनी विरासत को वैश्विक मंच पर ला सकें. भारत केवल अपनी नहीं, विश्व की धरोहरों की भी चिंता करता है.
प्रश्न: पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में पर्यटन पर असर पड़ा है. आपकी सरकार इसे कैसे संभाल रही है?
उत्तर: धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में आतंकवाद लगभग खत्म हो गया और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश हुआ. 2023 में लगभग 2 करोड़ पर्यटक कश्मीर पहुंचे, और 2024 में यह आंकड़ा 2 करोड़ 20 लाख पार कर गया. हमारा लक्ष्य इस बार 3 करोड़ का था.
लेकिन पहलगाम की दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने इस रफ्तार को थोड़ा झटका दिया. हमने तुरंत राज्य सरकार के साथ मिलकर आत्मविश्वास बहाल करने के लिए प्रयास शुरू किए. मैं खुद पहलगाम गया, वहां सरकार की बैठकें हुईं, संसदीय समितियां पहुंचीं. इसका असर ये हुआ कि जब मैं हाल ही में पहलगाम गया तो उस दिन एक भी होटल रूम खाली नहीं था. हमें विश्वास है कि जुलाई के अंत तक हम फिर से पर्यटन के उस स्तर पर पहुंच जाएंगे, जहां हम थे.
प्रश्न: लोग विदेश घूमना पसंद करते हैं, भारत की विविधता के बावजूद. इस मानसिकता को कैसे बदलेंगे?
उत्तर: प्रधानमंत्री जी ने बार-बार लोगों से अपील की है – "देखो अपना देश". हमने ‘स्वदेश दर्शन’, ‘प्रसाद योजना’ और अब ‘आइकॉनिक डेस्टिनेशन स्कीम’ के तहत देशभर के पर्यटन स्थलों को विश्वस्तरीय बनाने का बीड़ा उठाया है.
हर राज्य में कम से कम एक ऐसा स्थल तैयार किया जा रहा है जो ग्लोबल स्टैंडर्ड का होगा. हमारी वेबसाइट Incredible India को भी पूरी तरह से रिवैम्प किया गया है और अब हम Inevitable India की ओर बढ़ रहे हैं — मतलब भारत ऐसा देश होगा जहां आना “अनिवार्य” होगा.
प्रश्न: विदेशी पर्यटक अक्सर वीजा प्रोसेस को लेकर शिकायत करते हैं. भारत इसे कैसे आसान बना रहा है?
उत्तर: मुझे लगता है जानकारी की कमी ही इसकी वजह है. भारत आज 195 में से 190 देशों को ई-वीजा देता है और अधिकतर को 48 घंटे के भीतर अप्रूवल मिल जाता है. अब कोई एम्बेसी जाने की जरूरत नहीं है — मोबाइल से फॉर्म भरिए और घर बैठे वीजा पाइए.
हम गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को और आसान बना रहे हैं ताकि 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के साथ-साथ 'ईज ऑफ ट्रैवलिंग टू इंडिया' भी सशक्त हो.
प्रश्न: टूरिज्म भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: दुनिया की जीडीपी में टूरिज्म का औसतन योगदान 10% होता है जबकि भारत में यह अभी 5-6% है. आज भारत की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर है. हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक जब भारत 30–32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बने, तब टूरिज्म का योगदान भी 10% हो.
कल्पना कीजिए, तब टूरिज्म का योगदान ही आज की पूरी अर्थव्यवस्था के बराबर होगा. इसके लिए हम अभी से रोड, रेल, हवाई यात्रा, होटल, स्पिरिचुअल सर्किट्स सब पर निवेश कर रहे हैं.
प्रश्न: भारत के कुछ राज्य जैसे झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार भी अब टूरिज्म में निवेश कर रहे हैं. क्या यह प्रतिस्पर्धा फायदेमंद है?
उत्तर: बिल्कुल. पहले ये राज्य टूरिज्म के नक्शे पर नहीं थे. लेकिन अब वे ग्लोबल मंचों पर खुद को प्रमोट कर रहे हैं. राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा का जो उत्साह है, वह पहले कभी नहीं देखा गया. इससे न केवल राज्यों को फायदा होगा, बल्कि देश को एक संपूर्ण टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी.
प्रश्न: कई बार विदेशी टूरिस्टों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती हैं. सुरक्षा को लेकर आपकी क्या राय है?
उत्तर: भारत पूरी तरह से सुरक्षित देश है. लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि एक भी घटना शर्मनाक होती है. सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है. पर हमें यह भी देखना चाहिए कि अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी ट्रैवल एडवाइज़री होती है, लेकिन वहां कोई खुद की आलोचना नहीं करता.
हम जब अपने देश की सिर्फ आलोचना करते हैं, तो वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचता है. हां, हमें आत्मावलोकन करना चाहिए, लेकिन राष्ट्रहित का संतुलन बनाए रखना चाहिए.
प्रश्न: आपने यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
उत्तर: आज अनुभव केवल ताजमहल के भीतर की यात्रा नहीं है, बल्कि उस पल से शुरू होता है जब कोई गूगल पर ‘इंडिया टूरिज्म’ सर्च करता है. हमने हर पड़ाव पर अनुभव सुधारने की योजना बनाई है — एयरपोर्ट, होटल, ट्रैवल, गाइड, भोजन, डिजिटल फीडबैक सिस्टम. क्यूआर कोड आधारित फीडबैक से टूरिस्ट अब रियल टाइम प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिससे हमें सर्विस सुधारने में मदद मिल रही है.
प्रश्न: क्या कोई ऐसा अनछुआ क्षेत्र या राज्य है जहां अभी काम बाकी है?
उत्तर: हां, हमेशा स्कोप होता है. हम खुद की सतत समीक्षा करते हैं. पर्यटन की दुनिया में एक्सपीरियंस बहुत मायने रखता है. भारत में हर रुचि के व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ है — चाहे वो पहाड़ पसंद करता हो, रेगिस्तान, जंगल या समुद्र. लेकिन हमें अपने राज्यों के टूरिज्म विभागों के साथ मिलकर ऐसे क्षेत्रों को और विकसित करना है, जो अभी तक छूटे हुए हैं.
प्रश्न: अंत में, राजस्थान सरकार को आप 10 में से कितने अंक देंगे?
उत्तर (हंसते हुए): अगर आप मुझे 10 में से 11 अंक देने की अनुमति दें, तो मैं 12 नंबर दे दूंगा.
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