50 करोड़ का कुत्ता खरीदना इस शख्स को पड़ा भारी, इस दावे पर ED ने लिया एक्शन; जानें आगे क्या हुआ?

    कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रहने वाले एस. सतीश, जिन्हें लोग 'डॉग सतीश' के नाम से जानते हैं, की असलियत अब सबके सामने आ गई है. सतीश ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि उन्होंने दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता खरीदा है, जिसकी कीमत ₹50 करोड़ है.

    50 करोड़ का कुत्ता खरीदना इस शख्स को पड़ा भारी, इस दावे पर ED ने लिया एक्शन; जानें आगे क्या हुआ?
    Image Source: Social Media

    कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रहने वाले एस. सतीश, जिन्हें लोग 'डॉग सतीश' के नाम से जानते हैं, की असलियत अब सबके सामने आ गई है. सतीश ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि उन्होंने दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता खरीदा है, जिसकी कीमत ₹50 करोड़ है. लेकिन ED (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में ये दावा पूरी तरह फर्जी निकला.

    क्या था सतीश का दावा?

    सतीश ने कहा था कि उन्होंने अमेरिका से एक 'Cadaboms Okami' नाम का कुत्ता खरीदा है, जो एक रेयर वुल्फडॉग है. ये नस्ल भेड़िए और कॉकेशियन शेफर्ड का मिलाजुला रूप बताई गई थी. उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसा डॉग भारत में पहली बार आया है.

    ED की रेड और सच्चाई

    जब ED ने सतीश के बेंगलुरु के जेपी नगर स्थित घर पर छापा मारा, तो पता चला कि न तो 50 करोड़ का कोई कुत्ता खरीदा गया है और न ही ऐसा कोई दस्तावेज या सबूत मौजूद है. सतीश ने यह सब मीडिया में प्रचार पाने के लिए फैलाया था. ED ने जब सतीश से डॉग दिखाने को कहा, तो उसने कहा कि डॉग किसी दोस्त के पास है, जिससे शक और गहरा हो गया. सतीश खुद को एक बड़ा डॉग ब्रीडर बताता है, लेकिन जांच में सामने आया कि वह आर्थिक रूप से कमजोर है और उसके पास वैसी कोई बड़ी संपत्ति या आमदनी नहीं है, जिससे वह करोड़ों का डॉग खरीद सके.

    हवाला और गड़बड़ी की शिकायतें पहले से थीं

    ED को सतीश के खिलाफ पहले से कुछ शिकायतें मिली थीं, जिनमें हवाला और संदिग्ध लेन-देन की बातें सामने आई थीं. इन्हीं शिकायतों के आधार पर ED ने उसके आय और खर्चों की जांच शुरू की थी. ED यह पता लगाने में लगी है कि सतीश ने झूठ क्यों फैलाया. उसके पास पैसा कहां से आता है और उसका असली पेशा क्या है. सतीश ने सोशल मीडिया और कुछ इंटरव्यू के जरिए खुद को 'करोड़पति डॉग लवर' की छवि दी, लेकिन असल में उसके पास वैसा कुछ नहीं था. यह मामला अब एक बड़े झूठ और गुमराह करने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है, जिसकी जांच जारी है.