Bathing in Fever: गर्मियों के मौसम में बुखार होना आम बात है. जब शरीर तप रहा हो, सिर भारी लग रहा हो और थर्मामीटर का पारा चढ़ा हो, तो सबसे बड़ा सवाल यही होता है—बुखार में नहाना चाहिए या नहीं? अक्सर हमें बचपन से यह सुनने को मिलता है कि बुखार में नहाना नुकसानदायक होता है, लेकिन क्या यह बात पूरी तरह सही है? आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय और सही तरीका.
बुखार में नहाना मिथक या सच्चाई
बहुत से लोग मानते हैं कि बुखार में नहाने से तबीयत और बिगड़ जाती है, जबकि कुछ कहते हैं कि गुनगुने पानी से नहाना शरीर को हल्का और तरोताजा कर देता है. दरअसल, इसका सही जवाब आपकी तबीयत और बुखार की स्थिति पर निर्भर करता है.
कब नहाना फायदेमंद हो सकता है
अगर बुखार हल्का है और आप पसीने से भीगे हुए हैं, तो गुनगुने पानी से नहाना आपके शरीर को साफ रखने के साथ-साथ राहत भी दे सकता है. हल्का स्नान आपको ताजगी और आराम का एहसास देगा, जिससे शरीर में हल्कापन आएगा.
कब नहाने से बचना चाहिए?
अगर आपको तेज बुखार है और कंपकंपी हो रही है, तो नहाने से तापमान का संतुलन बिगड़ सकता है. ठंडे पानी से नहाने से शरीर को झटका लगने की आशंका रहती है. यदि डॉक्टर ने आपको बेड रेस्ट की सलाह दी है या सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो नहाना टाल देना चाहिए.
बुखार में नहाने के सही तरीके
पानी न बहुत ठंडा हो और न बहुत गर्म. हल्का गुनगुना पानी सबसे सुरक्षित विकल्प है. स्नान का समय 10 मिनट से अधिक न हो. नहाने के बाद बालों को अच्छी तरह सुखाएं और हल्के, आरामदायक, गर्म कपड़े पहनें. स्नान के बाद पर्याप्त आराम करें और खूब पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे. यदि नहाना संभव न हो, तो हल्के गीले कपड़े से शरीर को साफ करें. गीले कपड़े से शरीर पोछने से भी बुखार में राहत मिल सकती है और साफ-सफाई भी बनी रहती है.
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