बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार माने जाने वाला रेडीमेड गारमेंट (RMG) उद्योग इन दिनों भारी संकट से गुजर रहा है. शनिवार को सत्तारूढ़ दल अवामी लीग ने इस स्थिति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और अंतरिम सरकार की आर्थिक नीतियों को इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया.
अवामी लीग ने कहा कि जिसे कभी देश की आर्थिक रीढ़ माना जाता था, वही कपड़ा उद्योग अब हजारों परिवारों के लिए संकट का कारण बनता जा रहा है. पार्टी के अनुसार, बड़ी संख्या में कारखाने एक-एक कर बंद हो रहे हैं, जिससे हजारों मजदूर बेरोजगार होकर जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
नेतृत्व की विफलता और आर्थिक अस्थिरता
पार्टी ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में न केवल निवेशकों का भरोसा डगमगाया, बल्कि आर्थिक संतुलन भी चरमरा गया. पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा, कि जब देश को स्थिरता और विकास की जरूरत थी, तब शासन ने केवल राजनीतिक प्रतिशोध को प्राथमिकता दी.
राजनीतिक बदले की नीति ने बिगाड़ा माहौल
अवामी लीग का आरोप है कि यूनुस सरकार ने सत्ता में आते ही उन व्यावसायिक समूहों को निशाना बनाना शुरू कर दिया, जिनके तार पार्टी से जुड़े माने जाते थे. जांच, उत्पीड़न और आर्थिक दबाव की इस नीति ने उद्योग जगत में डर और अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया. इससे सैकड़ों कारखाने बंद हो गए और हजारों मजदूरों की नौकरियां चली गईं.
मजदूरों की बदहाल स्थिति
गाजीपुर, नारायणगंज, सावर जैसे औद्योगिक इलाकों में फैक्ट्री बंद हुए महीनों बीत चुके हैं, लेकिन पूर्व कर्मचारी अब तक अपने बकाया वेतन का इंतजार कर रहे हैं. अवामी लीग के अनुसार, हर दिन मजदूर बंद दरवाजों के बाहर हाथ में नियुक्ति पत्र लिए खड़े होते हैं, जो अब केवल एक कागज़ का टुकड़ा बन कर रह गया है.
बेरोजगारी से बढ़ी सामाजिक असमानता
पार्टी ने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में मजदूर अब अनौपचारिक क्षेत्रों में चले गए हैं – कोई दिहाड़ी मजदूरी कर रहा है, तो कोई रिक्शा चला रहा है. वहीं शिक्षित युवा वर्ग, जिनके पास डिग्रियां तो हैं लेकिन रोजगार नहीं, दिन-ब-दिन हताश होता जा रहा है. देश के मेहनती लोगों से विश्वासघात हुआ है.अवामी लीग ने तीखे शब्दों में कहा कि बांग्लादेश के सबसे बड़े संसाधन – उसकी मेहनतकश जनता – के साथ विश्वासघात हुआ है. विकास के जो वादे किए गए थे, वे अब गरीबी के अंधकार में बदल चुके हैं. पार्टी ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह संकट और गहराता जाएगा और देश की आर्थिक रीढ़ को पूरी तरह तोड़ सकता है.
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