क्या ट्रंप अमेरिकी सेना को भेजेंगे गाजा? एडमिरल ब्रैड कूपर ने इजरायली बेस के दौरे के बाद किया बड़ा ऐलान

    Donald Trump Gaza Peace Plan: मध्य पूर्व में जारी तनाव और गाजा पट्टी में इजराइल-हमास संघर्ष के बीच अमेरिका की भूमिका को लेकर चल रही अटकलों के बीच, अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख एडमिरल ब्रैड कूपर ने साफ किया है कि गाजा की ज़मीन पर अमेरिकी सेना तैनात नहीं की जाएगी. उन्होंने इजरायली सेना के एक बेस का दौरा करने के बाद यह बयान दिया.

    Trump send US troops to Gaza Admiral Brad Cooper made a major announcement visiting Israeli base
    Image Source: Social Media/X

    Donald Trump Gaza Peace Plan: मध्य पूर्व में जारी तनाव और गाजा पट्टी में इजराइल-हमास संघर्ष के बीच अमेरिका की भूमिका को लेकर चल रही अटकलों के बीच, अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख एडमिरल ब्रैड कूपर ने साफ किया है कि गाजा की ज़मीन पर अमेरिकी सेना तैनात नहीं की जाएगी. उन्होंने इजरायली सेना के एक बेस का दौरा करने के बाद यह बयान दिया.

    एडमिरल कूपर ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए बताया कि उन्होंने हाल ही में गाजा पट्टी के पास एक सैन्य दौरा किया, जिसका उद्देश्य संघर्ष के बाद की व्यवस्था पर चर्चा करना था. उन्होंने कहा कि वे "सिविल-मिलिट्री कोऑर्डिनेशन सेंटर" यानी नागरिक-सैन्य समन्वय केंद्र की स्थापना पर चर्चा करने के लिए इजराइल में मौजूद थे. यह केंद्र गाजा में युद्ध के बाद की स्थिरता और पुनर्निर्माण में सहायता करेगा. एडमिरल कूपर ने जोर देकर कहा कि “गाजा में अमेरिकी बूट्स ऑन ग्राउंड नहीं होंगे.” यानी अमेरिका गाजा के भीतर सैनिक नहीं भेजेगा.

    मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति का दावा

    हालांकि, कूपर के बयान के विपरीत, कुछ अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि लगभग 200 अमेरिकी सैनिक पहले ही इजराइल पहुँच चुके हैं. उनका उद्देश्य सीधे तौर पर गाजा में प्रवेश करना नहीं, बल्कि युद्धविराम प्रक्रिया, बंधकों की सुरक्षित वापसी, और मानवीय निगरानी से जुड़ी सहायता देना बताया गया है. इजरायली मीडिया ने भी पुष्टि की है कि अमेरिकी सैनिकों की यह उपस्थिति फिलहाल सीमित है और उनकी तैनाती सिर्फ इजरायली क्षेत्र तक सीमित है.

    गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर चल रही कूटनीति

    गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में तेजी आई है. अमेरिका की ओर से मध्य पूर्व मामलों के विशेष दूत, ब्रेट मैकगर्क विटकॉफ, इस समय इजराइल में मौजूद हैं और उन्होंने तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में आयोजित एक रैली को भी संबोधित किया.

    इससे पहले, फॉक्स न्यूज ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें एडमिरल कूपर और विटकॉफ को इजरायली सेना के एक पोस्ट का दौरा करते हुए दिखाया गया. इस दौरान उनके साथ इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर भी मौजूद थे. रिपोर्ट में कहा गया कि इस दौरे का उद्देश्य हमास के साथ संभावित समझौते के बिंदुओं की समीक्षा करना था, खासकर बंधकों की सुरक्षित वापसी को लेकर.

    ट्रंप ने जताई सहमति की उम्मीद, लेकिन स्पष्टता अभी बाकी

    इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी गाजा युद्धविराम योजना को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि योजना के अधिकांश हिस्सों पर सहमति बन चुकी है, हालांकि कुछ तकनीकी पहलुओं पर बातचीत अभी जारी है. ट्रंप ने यह भी दावा किया कि हमास अब शेष बंधकों को “इकट्ठा कर रहा है”, जिससे संकेत मिलता है कि बातचीत किसी निर्णायक मोड़ पर पहुँच सकती है.

    सहयोग तो होगा, लेकिन सीमाओं के साथ

    हाल के घटनाक्रमों से यह साफ होता है कि अमेरिका गाजा संकट के समाधान में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से बचते हुए एक सहयोगी भूमिका निभाना चाहता है. जहां एक ओर वॉशिंगटन मानवीय सहायता, पुनर्वास और कूटनीतिक दबाव के ज़रिए समाधान की ओर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर वह किसी भी सैन्य हस्तक्षेप से दूरी बनाए रखना चाहता है.

    एडमिरल कूपर का स्पष्ट वक्तव्य इसी नीति की पुष्टि करता है, अमेरिका युद्ध के बाद की स्थिरता सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगा, लेकिन गाजा के भीतर सैन्य कार्रवाई का हिस्सा नहीं बनेगा.

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