बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह निधन हो गया. वह लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं और ढाका के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष खालिदा जिया ने सुबह करीब 6 बजे, फज्र की नमाज़ के तुरंत बाद अंतिम सांस ली. उनके निधन की पुष्टि पार्टी की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर की गई.
पार्टी के अनुसार, खालिदा जिया को 23 नवंबर को दिल और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब से लगातार 36 दिनों तक वह डॉक्टरों की निगरानी में थीं. इलाज के दौरान उनकी हालत में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन अंततः उन्हें बचाया नहीं जा सका.
BNP ने जताया गहरा शोक
BNP की ओर से जारी बयान में कहा गया, पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष, राष्ट्रीय नेता बेगम खालिदा जिया का आज सुबह 6 बजे इंतकाल हो गया. हम अल्लाह से उनकी मगफिरत की दुआ करते हैं और देशवासियों से उनके लिए दुआ करने की अपील करते हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उनके निधन से गहरा शोक फैल गया है.
Bangladesh Nationalist Party (BNP) posts, "BNP Chairperson and former Prime Minister, Deshnetri Begum Khaleda Zia, passed away this morning at 6:00 AM, shortly after Fajr prayers..." https://t.co/0v6xDfXPdQ pic.twitter.com/Zg6BhlIqXg
— ANI (@ANI) December 30, 2025
बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं खालिदा जिया
बेगम खालिदा जिया बांग्लादेश की राजनीति में एक ऐतिहासिक नाम थीं. वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं और लंबे समय तक राजनीति के केंद्र में रहीं. माना जा रहा था कि आगामी चुनावों में वह एक बार फिर सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं, लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं ने उन्हें राजनीति से दूर कर दिया था.
कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं
खालिदा जिया पिछले कई वर्षों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही थीं. उन्हें लीवर सिरोसिस, गठिया, डायबिटीज़ के साथ-साथ किडनी, फेफड़े, हृदय और आंखों से जुड़ी पुरानी बीमारियां थीं. उनकी स्थिति को देखते हुए उनके इलाज के लिए एक विशेष मेडिकल बोर्ड गठित किया गया था.
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज
उनके इलाज की निगरानी वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ शाहाबुद्दीन तालुकदार के नेतृत्व में की जा रही थी. इस मेडिकल बोर्ड में बांग्लादेश के साथ-साथ ब्रिटेन, अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ डॉक्टर भी शामिल थे. इससे पहले उन्हें विदेश ले जाकर इलाज कराने की कोशिश भी की गई थी, लेकिन उनकी नाज़ुक हालत के चलते यह योजना अमल में नहीं आ सकी.
देश और राजनीति जगत में शोक की लहर
खालिदा जिया के निधन से बांग्लादेश की राजनीति में एक युग का अंत माना जा रहा है. उनके समर्थक, राजनीतिक सहयोगी और आम नागरिक उन्हें एक सशक्त नेता और दृढ़ व्यक्तित्व के रूप में याद कर रहे हैं.
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