घड़ी की सुइयां गिन रहे यूनुस, अब दिसंबर तक मिला है अल्टीमेटम

    Yunus Last ultimatum: बांग्लादेश की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. देश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस से आम चुनाव की स्पष्ट तारीख घोषित करने की मांग की है.

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    Yunus Last ultimatum: बांग्लादेश की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. देश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस से आम चुनाव की स्पष्ट तारीख घोषित करने की मांग की है. BNP का साफ कहना है कि दिसंबर 2025 तक देश में आम चुनाव कराए जाएं, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से पटरी पर लाया जा सके.

    सलाहकारों को हटाने की मांग तेज

    BNP की स्थायी समिति के सदस्य खंदाकर मुशर्रफ हुसैन ने यूनुस से मुलाकात के बाद बताया कि उन्होंने ‘विवादित सलाहकारों’ को मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग दोहराई है. उन्होंने कहा कि कुछ नाम जैसे महफुज आलम और आसिफ महमूद शोजिब भुइयां को लेकर जनता और पार्टी दोनों में असंतोष है. ये दोनों स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) आंदोलन से जुड़े रहे हैं, और उन्हें प्रतिनिधित्व देने के निर्णय को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

    चुनाव की तैयारी या टालमटोल?

    BNP के साथ-साथ जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) जैसे अन्य दल भी चुनाव की समयसीमा पर अलग-अलग राय रखते हैं. जमात प्रमुख शफीकुर रहमान का कहना है कि या तो रमजान के बाद चुनाव कराए जाएं या फिर फरवरी 2026 तक सभी सुधारों को पूरा कर मतदान हो. वहीं NCP ने पहले स्थानीय निकाय चुनाव की मांग रखी है, जिसका BNP ने विरोध किया है.

    सरकार की तरफ से 'सब ठीक है' का दावा

    हालांकि, यूनुस की सरकार इन तमाम विरोधों के बावजूद खुद को स्थिर और लोकतांत्रिक दिखाने की कोशिश कर रही है. प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने बयान जारी कर कहा कि "देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दल यूनुस सरकार पर भरोसा जता चुके हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध हैं."

    कब होंगे चुनाव?

    यूनुस कार्यालय से संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव 2025 के दिसंबर से लेकर 2026 के जून के बीच कराए जा सकते हैं. लेकिन विपक्ष इस टालमटोल से असहमत है और जल्द से जल्द चुनावी टाइमलाइन घोषित करने पर अड़ा हुआ है.
     

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