दुनिया जिस दौर से गुजर रही है, उसमें युद्ध सिर्फ सीमाओं पर नहीं, टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर भी लड़ा जा रहा है. रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान संघर्ष ने यह साफ कर दिया है कि अब सिर्फ पारंपरिक ताकत से जीत हासिल नहीं की जा सकती, बल्कि हर देश को अत्याधुनिक हथियारों और स्मार्ट डिफेंस सिस्टम से लैस होना पड़ेगा.
भारत के सामने सुरक्षा के दोहरे खतरे हैं—एक तरफ आतंक को संरक्षण देने वाला पाकिस्तान, दूसरी तरफ साजिशों में माहिर चीन. ऐसे में भारत के लिए जरूरी हो गया है कि वह अपने डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को अगले स्तर पर ले जाए. सेना, वायुसेना और नौसेना का आधुनिकीकरण अब सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता बन गया है.
क्यों जरूरी है भारत के लिए डिफेंस मॉडर्नाइजेशन?
SCO की किंगदाओ बैठक में चीन ने फिर ये दिखा दिया कि वो भारत-विरोधी देशों के साथ खड़ा है. इस तरह की विदेश नीति को देखते हुए भारत के नीति-निर्माताओं ने यह समझ लिया है कि भविष्य की लड़ाइयों में "प्रिवेंटिव स्ट्राइक" और "हाई-एंड टेक्नोलॉजी" निर्णायक भूमिका निभाएंगी.
भारत अब फाइटर जेट्स, मिसाइल डिफेंस, और न्यूक्लियर डिटरेंस सिस्टम को अपग्रेड करने की दिशा में तेज़ी से काम कर रहा है. अगले 10-15 वर्षों में फाइटर जेट्स की पूरी फ्लीट को आधुनिक मानकों के अनुसार तैयार करने का प्लान है, जिस पर भारी निवेश होने की संभावना है.
अमेरिका ने दिखाई अपनी ताकत: B-2 स्पिरिट बॉम्बर की वापसी
21-22 जून 2025 को जब अमेरिका ने इजरायल-ईरान युद्ध में दखल देते हुए दुनिया के सबसे घातक बमवर्षक B-2 स्पिरिट बॉम्बर को एक्शन में भेजा, तो पूरी दुनिया सहम गई. इस स्टील्थ बॉम्बर ने करीब 14,000 किलो वजन वाले 'अर्थ पेनिट्रेटर बम' ईरान के तीन अहम न्यूक्लियर साइट्स—फोर्दो, इस्फ़ाहान और नतांज—पर बरसाए.
B-2 की खासियत यही है कि इसे रडार से पकड़ना बेहद मुश्किल है, और यह दुश्मन की गहराई में जाकर भी सटीक हमला कर सकता है. अमेरिका ने पहली बार इस अत्याधुनिक जेट का युद्ध में उपयोग किया, और एक बार फिर साबित कर दिया कि डिफेंस सिर्फ संख्या का नहीं, तकनीक का खेल है.
कीमत की बात करें तो...
B-2 स्पिरिट बॉम्बर सिर्फ खतरनाक ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे महंगा जेट भी है. एक B-2 की कीमत लगभग 2 बिलियन डॉलर (17,142 करोड़ रुपये) है. इसकी तुलना भारत के तेजस MK1A से करें तो एक B-2 की कीमत में करीब 28-29 तेजस जेट बनाए जा सकते हैं. तेजस भले ही स्टील्थ न हो, लेकिन यह एक अत्याधुनिक 4.5 जेनरेशन लड़ाकू विमान है जो भारत की आत्मनिर्भर डिफेंस रणनीति का हिस्सा है.
अमेरिका का अगला तुरुप का इक्का: F-35 फाइटर जेट
दुनिया के सबसे आधुनिक फाइटर जेट्स में गिने जाने वाले F-35 की कीमत करीब 110 मिलियन डॉलर (942 करोड़ रुपये) है. यह पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट भी स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है. चर्चा है कि अमेरिका भारत को यह जेट ऑफर कर सकता है, हालांकि अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. अगर तुलना करें तो B-2 की कीमत में करीब 18 F-35 जेट्स खरीदे जा सकते हैं.
राफेल बनाम F-35 बनाम B-2
भारत ने फ्रांस से खरीदे गए 36 राफेल जेट्स को कस्टमाइज करवाया है, जिससे एक यूनिट की कीमत लगभग 2057 करोड़ रुपये पहुंच गई. यह कीमत F-35 से भी कहीं ज्यादा है, लेकिन भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के हिसाब से इनमें एडवांस फीचर्स जोड़े गए हैं.
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